बहाल होते ही रोजगार सहायक ने फर्जी तरीके से निकाले दो लाख , सीईओ ने थमाया नोटिस
बहाल होते ही रोजगार सहायक ने फर्जी तरीके से निकाले दो लाख , सीईओ ने थमाया नोटिस
डिजिटल डेस्क, शहडोल। शासकीय राशि के गबन मामले में बर्खास्तगी के बाद बहाल होते ही ग्राम रोजगार सहायक ने फिर से 1.99 लाख रुपये का हेर फेर कर डाला। बहाल तो हुआ लेकिन बिना वित्तीय पावर के फर्जी तरीके से उक्त राशि पंचायत के खाते से आहरित कर लिया। पुन: शिकायत हुई और जांच में पुष्टि के बाद रोजगार सहायक को जनपद सीईओ द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पंचायत में भ्रष्टाचार का यह मामला गोहपारू जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत नवागांव का है। जनपद सीईओ डॉ. दिव्या त्रिपाठी द्वारा ग्राम रोजगार सहायक दलबीर सिंह को नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया।
सेवा से पृथक कर दिया गया था
गौरतलब है कि प्रभारी सचिव रहे दलबीर सिंह को 2.28 लाख रुपये के गबन के मामले में सेवा से पृथक कर दिया गया था। यह कार्रवाई शौचालय निर्माण में गफलत के मामले में की गई थी। आरोप थे कि दलबीर सिंह द्वारा पुराने बने 19 शौचालयों को रंग रोगन कर 2.28 लाख की राशि अपने निजी लोगों के खातों के माध्यम से आहरित करा लिए थे। जांच के बाद सेवा से हटाया गया। जिसने कोर्ट से स्टे ले लिया। बहाली के बाद दोबारा आरोप लगे है।
शिकायत में मिलीभगत के आरोप
सीएम हेल्पलाइन व कलेक्टर के नाम लिखित शिकायत में आरोपित किया गया है कि रोजगार सहायक को वित्तीय अधिकार नहीं मिलने के बावजूद 8 जून से 7 जुलाई 2019 तक लगातार 8 लाख 11 हजार 390 रुपये ईपीओ के माध्यम से निकाले गए। लेकिन जांच में 13 जून 2019 एवं 23 जून को आहरित की गई राशि 1 लाख 99 हजार 360 रुपये की जानकारी दी गई है, बाकी राशि को छिपा लिया गया। इसी आधार पर नोटिस जारी कराई गई। आरोप हैं कि गबन में रोजगार सहायक के साथ जनपद के लोगों की मिलीभगत हो सकती है क्योंकि ऑन लाइन राशि तभी निकल सकती है जब जनपद से ओटीपी जारी की जाती है। यह भी सवाल उठाए गए हैं कि रोजगार सचिव को उसी गांव में दोबारा क्यों पदस्थ किया गया। नोटिस जारी होने के बाद रोजगार सहायक ने जवाब क्या दिया, इस बारे में सीईओ दिव्या त्रिपाठी से चर्चा का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।