दानवे की मदद न करने का विवाद फिर से नहीं उठाना चाहता- खैरे
दानवे की मदद न करने का विवाद फिर से नहीं उठाना चाहता- खैरे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। औरंगाबाद से लोकसभा चुनाव हारने के बाद शिवसेना के उम्मीदवार चंद्रकांत खैरे ने शुक्रवार को पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। मातोश्री में बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में खैरे ने कहा कि देश में मोदी सरकार आई है। इसलिए अपनी हार के बावजूद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रावसाहब दानवे द्वारा अपने दामाद हर्षवर्धन जाधव के समर्थन का मसला नहीं उठाना चाहता। उन्होंने कहा कि चुनाव में दुर्भाग्यवश मुझे हार का सामना करना पड़ा है। मुझे अच्छा मौका मिलने वाला थी लेकिन वो भी चला गया। लेकिन मेरी हार के बाद औरंगाबाद में हिंदुत्व के विरोध में वातावरण बनाया जा रहा है। खैरे ने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद एमआईएम के समर्थकों ने गाड़ियों की तोड़फोड़ की। हरा गुलाल उड़ाया गया। वे लोग अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। एमआईएम वालों ने ज्यादा बदमाशी की तो हम उनको छोड़ेंगे नहीं।
खैरे की हार का गहरा दुख- दानवे
दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दानवे ने कहा कि खैरे की हार से मैं दुखी हूं। दानवे ने कहा कि औरंगाबाद सीट से मेरे दामाद जाधव भी हार गए इसका मुझे दुख नहीं है। मुझे दुख केंद्र में एनडीए की एक सीट कम होने का है। खैरे अगर जीतते तो महाराष्ट्र में महायुति को 42 सीटें मिल जाती। औरंगाबाद सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जाधव के मैदान में आने से वोटों को बंटवारा हो गया। इससे एमआईएम के उम्मीदवार इम्तियाज जलील को जीत मिली। नतीजों के बाद जाधव ने कहा कि चुनाव कोई भी जीते। लेकिन मैन ऑफ द मैच में ही हूं।