जिला सरोगेसी बोर्ड के गठन की मांग को लेकर दंपति ने दायर की याचिका

हाईकोर्ट जिला सरोगेसी बोर्ड के गठन की मांग को लेकर दंपति ने दायर की याचिका

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-29 15:50 GMT
जिला सरोगेसी बोर्ड के गठन की मांग को लेकर दंपति ने दायर की याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक निसंतान दंपति ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार को सरोगेसी कानून 2021 के तहत  जिला सरोगेसी बोर्ड गठित करने का निर्देश देने की मांग की है। न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति आरिफ डाक्टर की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 12 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। याचिका के मुताबिक मामले से जुड़े दंपति का विवाह साल 2016 में हुआ था। दोनों की उम्र 40 के आसपास है। 

याचिका के मुताबिक महिला काफी कम उम्र से मधुमेय सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित है। वह अब तक गर्भधारण नहीं कर पायी है। संतान की चाहत में दंपति ने कई फर्टिलिटी केंद्रों का दौरा किया है और विशेषज्ञों से मुलाकात की है। लेकिन महिला ने गर्भधारण करने में सफलता नहीं मिल पायी है। इसलिए अब दंपति ने सरोगेसी(किराए पर कोख) का विकल्प अपनाने का फैसला किया है। लेकिन किसी भी फर्टिलिटी केंद्र को अब तक सरोगेसी के नए कानून के तहत पंजियन नहीं प्रदान किया गया है। ऐसे में बिना पंजीयन के मुंबई का कोई भी फर्टिलिटी क्लिनिक सरोगेसी से जुड़ी प्रक्रिया की शुरुआत नहीं कर सकता है। जबकि सरोगेसी से जुड़ा कानून उपलब्ध है।

याचिका के अनुसार सरोगेसी कानून में प्रावधान के बावजूद अब तक जिला सरोगेसी बोर्ड का भी गठन नहीं किया गया है। याचिका में दंपति ने कहा है कि उन्हें संतान नहीं होने से जुड़ी समस्या के उपचार के लिए एआरटी के प्रोसिजर को अपनाने से रोकना संविधान के अनुच्छेद 14 व 21 के तहत मिले उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा। खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले में नोटिस जारी कर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। 

 

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