नागपुर और रामटेक में कुछ समय के लिए रोकनी पड़ी मतगणना, उम्मीदवारों ने लगाया था वोट चोरी का आरोप
नागपुर और रामटेक में कुछ समय के लिए रोकनी पड़ी मतगणना, उम्मीदवारों ने लगाया था वोट चोरी का आरोप
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुरुवार को कलमना में नागपुर और रामटेक निर्वाचन क्षेत्र की मतगणना को लेकर सवाल उठे। ईवीएम में गड़बड़ी सहित वोटों की चोरी के आरोप लगे। प्रशासन पर उनकी शिकायत नहीं सुनने का भी आरोप लगा। जिस कारण कुछ समय के लिए प्रशासन को मतगणना भी रोकनी पड़ी। नागपुर में कांग्रेस द्वारा ईवीएम के नंबर तालमेल नहीं खाने का आरोप और इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलेट नहीं खुलने का आरोप लगाने के बाद पूर्व और मध्य नागपुर की मतगणना रोकनी पड़ी। उधर, रामटेक में भी कांग्रेसियों द्वारा आपत्तियां दर्ज कराने के बाद 2 टेबल पर गिनती को रोकना पड़ा था। इन शिकायतों को लेकर नागपुर से कांग्रेस उम्मीदवार नाना पटोले और रामटेक से कांग्रेस उम्मीदवार किशोर गजभिये ने जिला निर्वाचन अधिकारी के पास अपनी-अपनी आपत्तियां भी दर्ज कराई गईं। हालांकि प्रशासन ने उनका समाधान करने की कोशिश की। लेकिन वे संतुष्ट नहीं दिखे।
पहला-6,000
दूसरा- 17,000
तीसरा -10,000
चौथा-10,000
पांचवां- 9,000
छठवां-17,000
सातवां-21,000
आठवां-28,000
नौवां-24,000
दसवां-45,000
ग्यारहवां-53,000
बारहवां-60,000
7 बजे कांग्रेस समर्थक खिसकने लगे
जैसे जैसे तुमाने की बढ़त बन गई, वैसे वैसे समर्थकों में उत्साह देखा गया। करीब शाम 5 बजे के बाद कांग्रेस समर्थक यह मान बैठे कि अब वापसी कठिन है। धीरे-धीरे कांग्रेस समर्थक कम होते गए। शाम 7 बजे के बाद रामटेक मतगणना केंद्र में उत्साह भी लगभग नदारद हो गया।
रामटेक लोकसभा क्षेत्र में शिवसेना के कृपाल तुमाने और कांग्रेस के किशोर गजभिये में काफी रोचक मुकाबला देखने को मिला। तुमाने की 6 हजार से शुरू हुई वोटों की बढ़त कम-ज्यादा होती रही। पहले राउंड के बाद उन्हें हर राउंड में 4 से 5 हजार की बढ़त बनती गई। 10वें राउंड तक लीड की इसी तरह की रफ्तार रही। ऐसे में शिवसैनिकों की धड़कनें भी बढ़ रही थी कि कहीं कांग्रेस उम्मीदवार लीड बनाकर आगे न निकल जाएं। 10वें राउंड तक उनकी लीड 45 हजार तक बन गई थी। तब कहीं कृपाल तुमाने समर्थकों ने कुछ राहत की सांस ली। इसके बाद उनकी बढ़त लगातार बढ़ती ही गई। 12वें राउंड में उनकी बढ़त करीब 60 हजार तक पहुंच गई। इसके बाद तुमाने समर्थक निश्चिंत दिखे।
सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई
कलमना में सुबह 8 बजे से मतगणना की शुरुआत हुई। शुरू में पोस्टल बैलेट और सेना के जवानों के वोटों की गिनती हुई। इसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू हुई। रामटेक मतगणना केंद्र पर वोटों की चाल काफी सुस्त रही।
करीब 11 बजे पहले राउंड की घोषणा
पहले राउंड की घोषणा सुबह करीब 11 बजे की गई। हर राउंड की घोषणा को एक घंटे से अधिक समय लगाया गया। दोपहर 3 बजे तक सिर्फ 3 राउंड की घोषणा हुई थी। इस दौरान कांग्रेस उम्मीदवार किशोर गजभिये ने मतगणना को लेकर आपत्ति जताई, तो कुछ समय के लिए गिनती भी रोकनी पड़ी। वे हर राउंड के बाद अपनी आपत्ति दर्ज कराते दिखे। इस कारण रामटेक की मतगणना काफी सुस्त रही। एक-एक राउंड के लिए डेढ़-डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। रात 8 बजे तक सिर्फ 13 राउंड की ही घोषणा हो सकी। हालांकि 13वें राउंड तक तुमाने अपनी बढ़त बनाए हुए थे।
नागपुर से कांग्रेस प्रत्याशी नाना पटोले ने मतगणना प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में जाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि मध्य नागपुर के एक बूथ पर 750 वोटों की बजाए 748 वोट दिखाई दे रहे हैं। इसी तरह पश्चिम नागपुर के बूथ नंबर 103 की मशीन खराब अवस्था में है। पूर्व नागपुर में गडकरी को दो बार 551 वोट मिले। लगातार एक समान वोट मिलने पर सवाल उठाते हुए पटोले ने आरोप लगाया कि इसमें गड़बड़ी हुई है। फर्क हमें साफ दिखाई दे रहा है। यह वोटों की चोरी भी हो सकती है। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधीश अश्विन मुद्गल से शिकायत की गई है। चुनाव प्रक्रिया को लेकर इसके पूर्व भी शिकायतें की गई हैं। जिलाधीश ने हमारी शिकायतों को नजरअंदाज किया तो हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि मतगणना प्रक्रिया पर सवाल उठाया तो हमारे लोगों को अंदर करने की जिला प्रशासन की तरफ से धमकी दी गई, जो सरासर ज्यादती है। हम चुनाव प्रक्रिया और मतगणना में हुई गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाएंगे और यहां से न्याय नहीं मिला तो कोर्ट में जाएंगे।
गजभिये की मांग, पर्चियों का मिलान हो
रामटेक के कांग्रेस उम्मीदवार किशोर गजभिये काफी समय तक मतगणना केंद्र पर डटे रहे। वे हर राउंड पर बारिक नजर रखकर अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे थे। इसे लेकर वे जिला निर्वाचन अधिकारी के पास भी पहुंचे। उनका आरोप था कि ईवीएम की वोट और गिनती में फर्क आ रहा है। उन्होंने वीवीपैट की गिनती और अपने प्रतिनिधियों को एआरओ के पास जाने की इजाजत देने की मांग की।