किसी की कॉपी करना एक्टिंग नहीं, अपना मुकाम अपने बूते बनाएं - परमानंद सरदार

किसी की कॉपी करना एक्टिंग नहीं, अपना मुकाम अपने बूते बनाएं - परमानंद सरदार

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-12 09:54 GMT
किसी की कॉपी करना एक्टिंग नहीं, अपना मुकाम अपने बूते बनाएं - परमानंद सरदार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस उन्हें थोड़ा निखारने की जरूरत है। किसी कलाकार की कॉपी करके अभिनय करने को मैं एक्टिंग नहीं मानता हूं। कॉपी करने वाले कलाकार ज्यादा दिन तक कला जगत में टिक नहीं पाते हैं। कोई भी कलाकार हो, उसे अपनी प्रतिभा दिखानी चाहिए, तभी उसके काम की तारीफ होती है। किसी की कॉपी करने से उसकी अपनी प्रतिभा की पहचान नहीं हो पाती है। यह कहना है मुंबई के निर्माता-निर्देशक परमानंद सरदार का।

दिल से निकलती है अभिव्यक्ति
परमानंद ने कहा कि कला तो किसी भी कलाकार के अंदर पैदा की जा सकती है, लेकिन कॉपी करनेवाला चाहे कितनी भी सुंदर एक्टिंग करे, लोग यही कहते हैं कि उसने फलां कलाकार की नकल की है। अभिनय की अभिव्यक्ति कलाकार के दिल से निकलती है। वे फिलहाल विदर्भ के कलाकारों के लिए सिविल लाइंस में मराठी धारावाहिक ‘डॉक्टर-डॉक्टर’ और हिंदी धारावाहिक ‘क्या कहेंगे लोग’ का वर्कशॉप ले रहे हैं। इसमें नागपुर सहित विदर्भ के कई कलाकारों को अभिनय की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। 

अभिनय के 9 विधा
 विदर्भ के कलाकारों को अभिनय के 9 विधा मालूम हैं, लेकिन इन विधाओं में अलग-अलग छंद हैं, अलग-अलग हावभाव होते हैं। किस मुद्रा व भाव काे कब प्रस्तुत किया जाना चाहिए, यह कई कलाकारों को पता ही नहीं होता है। अभिनय के कई रंग वर्कशॉप में सीखने मिल रहे हैं। इसके बाद उक्त दाेनों धारावाहिकों में इन कलाकारों को फिल्म अभिनेत्री वर्षा उसगांवकर, दीपक शिर्के, प्रशांत ओक, तेजस्वनी प्रधान सहित बालीवुड के अन्य कलाकारों के साथ अभिनय का मौका मिलेगा। इन कलाकारों को एक साथ लाने का कार्य संजय कुमार ने किया है।

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