उपभोक्ता फोरम ने दिया जेट एयरवेज झटका, 1.02 लाख देने का आदेश
उपभोक्ता फोरम ने दिया जेट एयरवेज झटका, 1.02 लाख देने का आदेश
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जिला उपभोक्ता फोरम ने तिरूवनन्तपुरम से नागपुर की एयर टिकट कैंसिल कर नए टिकट खरीदने पर जेट एयरवेज भोपाल, जेट कनेक्ट इंदौर और मेकमाय ट्रिप को आदेशित किया है कि दो माह के भीतर जबलपुर निवासी अधिवक्ता को 1 लाख 2 हजार रुपए का भुगतान किया जाए। फोरम के अध्यक्ष केके त्रिपाठी और सदस्य अर्चना शुक्ला की बैंच ने होटल खर्च के 21 हजार रुपए, व्यवसायिक क्षति के 30 हजार रुपए और मानसिक क्षति के 1.5 लाख रुपए देने का आदेश दिया है।
मेक माय ट्रिप के जरिए जेट एयरवेज की फ्लाइट से बुक कराई थी
जबलपुर निवासी अधिवक्ता प्रकाश उपाध्याय की ओर से दायर प्रकरण में कहा गया कि उन्होंने अपने परिवार के 16 सदस्यों के लिए 30 मई 2013 को तिरूवनन्तपुरम से नागपुर तक की एयर टिकट मेक माय ट्रिप के जरिए जेट एयरवेज की फ्लाइट से बुक कराई थी। किराए का भुगतान करने के बाद उनके परिवार के 9 सदस्यों की टिकट कैंसल कर दी गई। उन्होंने परिवार के 9 सदस्यों को जेट कनेक्ट की फ्लाइट में एडजस्ट करने के लिए अनुरोध किया, लेकिन कंपनी ने उनका अनुरोध अनसुना कर दिया। इसकी वजह से उन्हें एयर टिकट कैंसल कराकर होटल में रूकना पड़ा। इसके बाद उन्हें मंहगे दर टिकट खरीदकर तिरूवनन्तपुरम से नागपुर आना पड़ा। सुनवाई के बाद फोरम ने एयर टिकट कैंसल कर नए टिकट खरीदने पर 1.02 लाख रुपए देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही फोरम ने मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 1.5 लाख, व्यवसायिक क्षतिपूर्ति के लिए 30 हजार और होटल खर्च के लिए 21 हजार रुपए भी देने का आदेश दिया है।
संदेह के आधार पर नहीं बनाया जा सकता आरोपी
हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा है कि केवल संदेह के आधार पर किसी को आरोपी नहीं बनाया जा सकता है। इस अभिमत के साथ जस्टिस एके श्रीवास्तव की एकल पीठ ने गांजा तस्करी के मामले के आरोपी को जमानत दे दी है। पुलिस ने आरोपी को 9 साल बाद गिरफ्तार किया था। सतना निवासी मृगेन्द्र सिंह की ओर से दायर जमानत याचिका में कहा गया कि वर्ष 2009 में सतना पुलिस ने एक लावारिस ट्रक पकड़ा था। उस ट्रक से 7 क्विंटल गांजा पकड़ा गया था। पुलिस ने ट्रक मालिक से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके पास तीन नंबरों से ट्रक की बुकिंग के लिए फोन आया था। उसमें से एक नंबर आरोपी की आईडी पर लिया गया था। इसके आधार पुलिस ने उसे आरोपी बना दिया। अधिवक्ता महावीर संदीप जैन ने तर्क दिया कि आरोपी पुलिस ने 26 अप्रैल 2019 को 9 साल बाद गिरफ्तार िकया है। आरोपी के खिलाफ पुलिस के पास गांजा तस्करी में शामिल होने का कोई भी प्रमाण नहीं है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने आरोपी को जमानत दे दी।