ड्यूटी पर तैनात आरक्षक की हार्ट अटैक से मौत
ड्यूटी पर तैनात आरक्षक की हार्ट अटैक से मौत
डिजिटल डेस्क सतना। सिटी कोतवाली चौक पर तैनात आरक्षक सुरेंद्र सोनी पुत्र मूलचन्द सोनी 54 वर्ष की शनिवार दोपहर को हृदयगति रूकने से मौत हो गई। रिजर्व इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश मिश्रा के मुताबिक आरक्षक की तैनाती पुलिस लाइन में थी, मगर कोविड काल में व्यवस्था के लिए उसे कोतवाली में अटैच किया गया था, जहां से वाहन चेकिंग में ड्यूटी लगाई जा रही थी। रविवार सुबह भी वह थाने के पास ही अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मौजूद था, तभी लगभग 11 बजे आंखों और सीने में दर्द शुरू हो गया, तब सुरेंद्र ने बाज दस्ते को परेशानी से अवगत कराया तो पुलिसकर्मियों ने रास्ते से गुजर रही एम्बुलेंस को रोककर तुरंत आरक्षक को जिला अस्पताल पहुंचाया। इस बीच सूचना मिलने पर आरक्षक का बेटा अभ्यंचल और पत्नी ऊषा भी अस्पताल आ गए।
नहीं ले जा पाए रीवा-
तब ड्यूटी पर मौजूद डॉ. आरएन सोनी ने चेकअप किया और वार्ड में भर्ती करने के कुछ देर बाद ही रीवा के लिए रेफर कर दिया। तकरीबन 1 बजे जैसे ही आरक्षक को वार्ड से निकाल कर एम्बुलेंस की तरफ ले जा रहे थे, तभी हृदयगति रूकने से उसकी मौत हो गई। पति की सांसें थमते ही ऊषा बदहवास हो गई और उसकी भी तबियत बिगड़ गई, तब मौके पर मौजूद बेटे और अन्य पुलिसकर्मियों ने मेडिकल स्टाफ की मदद से महिला को अस्पताल में भर्ती करा दिया।
एएसपी और आरआई ने परिजनों को संभाला-
आरक्षक की मौत की खबर मिलने पर एएसपी सुरेंद्र जैन और आरआई सत्यप्रकाश मिश्रा ने अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों से जानकारी लेते हुए शोकाकुल परिजनों को संभाला। उन्होंने फौरन जरूरी कार्रवाई पूर्ण कराते हुए शव को पुलिस लाइन स्थित आवास पर भिजवाया तो वार्ड में भर्ती आरक्षक की पत्नी से भी मुलाकात कर हाल-चाल जाना।
देर शाम नर्सिंगपुर भेजा गया शव-
आरक्षक सुरेंद्र मूलत: नर्सिंगपुर जिले के गोटेगांव थाना अंतर्गत मुगली गांव के निवासी थे और वर्ष 1999 से सतना में पदस्थ थे। परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं। बड़ा बेटा आदित्य प्रयागराज में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, जबकि छोटा बेटा आदित्य सतना में ही पढ़ रहा है। पिता की मौत की सूचना मिलने पर आदित्य सड़क मार्ग से देर शाम सतना लौटा, तब आरक्षक सुरेंद्र का शव विशेष एम्बुलेंस से गृह ग्राम के लिए रवाना किया गया। गौरतलब है कि 3 माह पूर्व जब कांग्रेस ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया था, तब कोतवाली चौक पर डयूटी के दौरान आरक्षक की तबियत बिगड़ गई थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।