कांग्रेस उम्मीदवारों ने जताया ईवीएम से छेड़छाड़ का शक, गलत शिकायत के लिए सजा के प्रावधान के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

कांग्रेस उम्मीदवारों ने जताया ईवीएम से छेड़छाड़ का शक, गलत शिकायत के लिए सजा के प्रावधान के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-26 16:16 GMT
कांग्रेस उम्मीदवारों ने जताया ईवीएम से छेड़छाड़ का शक, गलत शिकायत के लिए सजा के प्रावधान के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के दौरान अधिकारियों पर दबाव का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उम्मीदवारों ने ईवीएम से छेड़छाड़ का संदेह जताया है। नागपुर लोकसभा के उम्मीदवार नाना पटोले व रामटेक के उम्मीदवार किशोर गजभिये ने कहा है कि मतदान से लेकर ईवीएम सुरक्षा के मामले में कई तरह की संदेहजनक गतिविधियों की शिकायत मिली है। चुनाव अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है। शुक्रवार को पटोले व गजभिये ने पत्रकार वार्ता में सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग के आरोप भी लगाए। गजभिये ने उमरेड विधानसभा क्षेत्र में मतदान के लिए इस्तेमाल की गई ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का संदेह व्यक्त किया है। मतदान के बाद जिन स्थानों पर ईवीएम को रखा गया वहां के सीसीटीवी फुटेज की मांग की है। श्री गजभिये ने दावा किया है कि उमरेड के जिस आईटीआई कालेज परिसर में स्ट्रांग रुम में मशीनें रखी गई थी उनकी निगरानी के लिए सीसीटीवी फुटेज को रिकार्ड करनेवाली डीवीआर मशीन चाेरी हो चुकी है। यह मामला सामने आने के बाद भी सहायक निर्वाचन अधिकारी ने 12 दिन बीत जाने के बाद भी एफआईआर तक दर्ज नहीं करायी है। और न ही उन्होंने इसकी सूचना तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी है। इस पूरे मामले की जांच होना चाहिए। श्री गजभिये ने यह भी कहा कि स्ट्रांग रुम में सीसीटीवी कैमरे और एलईडी लगाने का काम थर्ड पार्टी के माध्यम से हुआ है। चुनाव ड्यूटी के दौरान उमरेड के विधायक सुधीर पारवे के निजी सचिव किशोर हजारे के साथ एआरओ जगदीश लोंढे संपर्क में थे। इस प्रकरण की शिकायत चुनाव आयोग से की गई है। नागपुर लोकसभा के उम्मीदवार श्री पटोले ने कहा है कि सरकार के दबाव में अधिकारियों ने काम किया है। नियम के अनुसार बीएलओ के माध्यम से मतदाताओं को मतदान से पांच दिन पहले मतदान पर्ची पहुंचा दी जाती है लेकिन नागपुर में जानबूझकर ऐसा नहीं किया गया। एक ही परिवार के मतदाताओं को अलग अलग मतदान केंद्र पर मतदान करना पड़ा। पटोले ने सभी मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि नागपुर शहर में ही ईवीएम को स्ट्रांग रुम से मतगणना केंद्र तक पहुंचाने में जानबूझकर 48 घंटे का समय लगाया गया।

वीवीपैट व ईवीएम मशीन को लेकर गलत शिकायत के लिए किए गए सजा के प्रावधान के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

उधर मुंबई के बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिसमें वोटर वैरिफाइबल पेपर ट्रेल (वीवीपैट) व ईवीएम के संबंध में शिकायत गलत पाए जाने पर किए गए सजा के प्रावधान के खिलाफ अपील की गई। चुनाव आयोग की ओर से फरवरी 2019 में बनाए गए नियमों के अनुसार ईवीएम अथवा वीपैट के संबंध में शिकायत गलत पाए जानेवाले शिकायतकर्ता को 6 महीने की जेल अथवा दस हजार रुपए के कारावास की सजा हो सकती है। पेशे से वकील प्रकाश वाघ ने इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव आयोग की ओर से लाई गई यह नियमावाली आतार्किक व नियमों के खिलाफ है। यह नियम नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन करते है। सिर्फ शिकायत करने के लिए किसी को दंडित नहीं किया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि इस नियमावली के चलते पिछले दिनों असम के पूर्व पुलिस महानिदेशक हरिकृष्ण डेका को शर्मींदगी का सामना करना पड़ा था। क्योंकि मतदान के बाद वीवीपैट की रशीद देखकर उन्हें महसूस हुआ कि उन्होंने जिस उम्मीदवार को अपना वोट दिया है वह उस उम्मीदवार को नहीं मिला है। इसलिए उन्होंने पोलिंग अधिकारी के पास इसकी शिकायत करने की सोची तो पोलिंग अधिकारी ने कहा कि उनकी शिकायत की जांच की जाएगी यदि शिकायत झूठी पायी गई तो उन्हें 6 महीने की जेल हो सकती है अथवा दस हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ा सकता है। इसके बाद उन्होंने शिकायत न करने का फैसला किया। याचिका में केरल में घटित एक घटना का जिक्र किया गया है। जिसमें शिकायत गलत पाए जाने पर मतदाता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। याचिका में मांग की गई है चुनाव आयोग के सजा को लेकर किए गए प्रावधान को अवैध ठहरा दिया जाए और चुनाव आयोग व राज्य सरकार को इस नियमावली को न लागू करने का निर्देश दिया जाए। शुक्रवार को न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एमएस शंकलेचा की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया और कहा कि यदि उनकी याचिका पर जल्दी सुनवाई नहीं की गई तो उनकी याचिका चुनाव के बाद निर्थक हो जाएगी।  लेकिन खंडपीठ ने अधिवक्ता वाघ से कहा कि हम अभी इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते है। वे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के पास आवेदन दायर कर शनिवार को याचिका पर सुनवाई के लिए विशेष पीठ के गठन करने का निवेदन करे। 

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