महाराष्ट्र सहित देशभर में मुकम्मल लॉक डाउन, निर्णायक साबित हो सकता है ये कदम
महाराष्ट्र सहित देशभर में मुकम्मल लॉक डाउन, निर्णायक साबित हो सकता है ये कदम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र सहित पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार रात 8 बजे राष्ट्र के नाम संबोधित में रात 12 बजे से देशभर में पूरी तरह से लॉकडाउन की घोषणा कर दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि साफ लफ्जों में कहा कि जहां दुनिया के समर्थ देशों को इस महामारी ने बेबस कर दिया है। ऐसे में हमें सैयम रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि तमाम प्रयासों के बावजूद चुनौती बढ़ती ही जा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि आप देश में जहां पर हैं वहीं रहें। आनेवाले 21 दिन हर परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। नहीं संभले तो देश 21 साल पीछे चला जाएगा, कई परिवार तबाह हो जाएंगे।
यूरोप इस बीमारी का नया केंद्र बना, लैटिन अमरीका, अमरीका और मध्य पूर्व के देशों में संक्रमण फैलने की दर बढ़ रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 24 मार्च तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 16,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,87,000 से ज्यादा संक्रमण दिखाई दे रहे हैं
खात बात है कि ताइवान और सिंगापुर जैसे देशों ने नए मामलों की पहचान कर उन्हें अलग थलग रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की थी, जो इस महामारी के संक्रमण पर अंकुश लगाने में निर्णायक कदम साबित हुई।
महाराष्ट्र में पहले ही लॉकडाउन
महाराष्ट्र सरकार ने अहमदनगर, औरंगाबाद, मुंबई, नागपुर, मुंबई पुणे, रत्नागिरी, रायगढ़, ठाणे, यवतमाल जिलों को लॉकडाउन कर दिया था। जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद है। अस्पताल, नर्सिंग होम, दूध-राशन-सब्जी दुकान, मेडिकल स्टोर, फोन, इंटरनेट सेवाएं, अग्निशमन सर्विस, बिजली आपूर्ति और वितरण केंद्र, पानी की आपूर्ति, पोर्ट, पेट्रोल पंप, सीएनजी स्टेशन, शेयर बाजार, बैंक और वित्तीय सेवाएं शुरु हैं।
तस्वीर वसई के माली अली गांव की है, जहां सन्नाटा दिख रहा है।
मुंबई के अलावा नागपुर में भी जगह-जगह बारिकेडिंग की गई है। लोगों की आवाजाही पर अंकिश लगाया गया, हालांकि प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद अब सड़के सुनसान नजर आने वाली है, क्योंकि सरकार अब किसी तरह का खतरा मोल नहीं लेना चाहती। लोगों से कहा जा रहा है कि वे नियमों का पलन करें, अपने घर में ही रहें।
शुरुआती लॉकडाउन के दौरान मुंबई की सड़कों पर लोग बहुत कम थे। वसई के रहने वाले हैनरी कुरिया ने भास्कर डाट कॉम को बताया कि सोचो 35-40 साल पहले महानगर कैसा होगा, वे बचपन में देखते थे उनके इलाके की सड़कों पर बेहद कम वाहन होते थे, ठीक उसी तरह का नजारा दिख रहा था।