घुटने के इलाज का क्लेम हार्ट की बीमारी बताकर कर दिया रिजेक्ट
स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के नए-नए कारनामों का खुलासा घुटने के इलाज का क्लेम हार्ट की बीमारी बताकर कर दिया रिजेक्ट
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ किस तरह आम लोगों के साथ धोखा करती हैं इसकी लगातार शिकायतें आ रही हैं और नए-नए कारनामे भी उनके खुलकर सामने आ रहे हैं। अब तो बीमा कंपनियों के अधिकारी हद करने पर उतारू हैं। पॉलिसीधारक बीमा कंपनियों के अधिकारियों पर जालसाजी करने का आरोप लगा रहे हैं। बीमा कंपनियों द्वारा क्लेम रिजेक्ट करना व कैशलेस नहीं करना यह तो आम बात हो गई है। अब तो इलाज किसी अन्य बीमारी का हो रहा है और क्लेम फाइल दूसरी बीमारी बताकर कर रहे क्लोज। बीमा कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का जिन विभागों के पास अधिकार है वे भी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। आरोप है कि वे भी खुली आँखों से पूरा गोलमाल देख रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
बिल भी नहीं दिया और पॉलिसी कर दी क्लोज
मप्र के ग्वालियर निवासी जय प्रकाश शर्मा ने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ है। वे पिछले पाँच साल से लगातार हेल्थ पॉलिसी रिन्यू कराते आ रहे हैं। जनवरी 2023 में उन्हें पैर के घुटनों में दर्द शुरू हो गया था। चिकित्सकों के द्वारा सर्जरी की सलाह दी गई थी। पॉलिसी क्रमांक पी/ 161123/01/2023/000725 का कैशलेस कार्ड होने के कारण वे ऑपरेशन के लिए राजी हो गए थे। बीमा कंपनी को भी कैशलेस के लिए मेल किया गया था। बीमा कंपनी पहले कैशलेस के लिए राजी हो गई थी पर बाद में क्लेम डिपार्टमेंट, ब्रांच के अधिकारियों ने कहा कि आप अपने खर्च पर इलाज कराने के बाद बिल व अस्पताल की रिपोर्ट ऑनलाइन व ऑफलाइन सबमिट करेंगे तो सारा भुगतान नियमानुसार कर दिया जाएगा।
बीमित के द्वारा सारे बिल व रिपोर्ट बीमा कंपनी में जमा किए गए तो अनेक प्रकार की क्वेरी की गईं। पॉलिसीधारक ने सभी के उत्तर दिए तो जल्द क्लेम सेटल करने का वादा किया था। बीमित लगातार बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर संपर्क करता रहा पर अचानक जिम्मेदारों ने यह कह दिया कि आपको हार्ट की बीमारी है इसलिए हम क्लेम नहीं देंगे। बीमित ने कहा कि मेरा इलाज हार्ट का नहीं हुआ है घुटनों का हुआ है तो बीमा कंपनी ने पॉलिसी ही निरस्त कर दी। बीमित का आरोप है कि पाँच साल प्रीमियम लेने के बाद बीमा कंपनी ने हमारे साथ जालसाजी की है।