केंद्र सरकार को महाराष्ट्र के सहकारिता कानून में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं- पवार 

केंद्र सरकार को महाराष्ट्र के सहकारिता कानून में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं- पवार 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-11 14:39 GMT
केंद्र सरकार को महाराष्ट्र के सहकारिता कानून में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं- पवार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार को महाराष्ट्र सरकार के सहकारिता कानून में हस्तेक्षप करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नवगठित सहकारिता मंत्रालय से महाराष्ट्र का सहकारिता आंदोलन प्रभावित नहीं होगा। रविवार को पुणे के बारामती में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सहकारिता कानून को महाराष्ट्र विधानसभा में पारित किया है। इसलिए केंद्र सरकार महाराष्ट्र विधानसभा में मंजूर कानून में हस्तक्षेप नहीं सकती। पवार ने कहा कि मीडिया की उन खबरों में कोई तथ्य नहीं है। जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार नए सहकारिता मंत्रालय के जरिए महाराष्ट्र में सहकारिता आंदोलन पर कब्जा जमाने का प्रयास कर रही है और अथवा राज्य के अधिकार छीन जाएंगे। पवार ने कहा कि केंद्र सरकार का सहकारिता मंत्रालय बहुराज्यीय सहकारी संस्थानों को लेकर बनाया गया है। कोई संस्थान दो राज्यों जैसे महाराष्ट्र और कर्नाटक में पंजीकृत है। ऐसी स्थिति में दो राज्यों में काम करने वाले सहकारी संस्थानों का नियंत्रण कोई एक राज्य नहीं कर सकता है। इस पर केंद्र सरकार के सहकारिता विभाग को फैसला लेने का अधिकार होता है। मैं जब केंद्र की यूपीए सरकार में 10 साल कृषि मंत्री था तब भी यह केंद्र सरकार के सहकारिता विभाग का हिस्सा था। इसलिए केंद्र सरकार ने नया कोई फैसला नहीं किया है। अब केवल नया सहकारिता मंत्रालय बनाया है। लेकिन दुर्भाग्य से राज्य में मीडिया इसे अलग तरीके से पेश कर रहा है कि केंद्र सरकार की महाराष्ट्र में सहकारी आंदोलन पर कब्जा जमाने की कोशिश है।  

कांग्रेस के पास ही रहेगा विधानसभा अध्यक्ष पद 

पवार ने शिवसेना विधायक भास्कर जाधव के विधानसभा अध्यक्ष बनने की उम्मीदों पर पानी फेर किया है। पवार ने कहा कि जाधव के बयान का कोई मतलब नहीं है। महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों का स्पष्ट फैसला हुआ है कि विधानसभा अध्यक्ष पद कांग्रेस के पास रहेगा। इसलिए कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए जो उम्मीदवार देगी उसको हमारा समर्थन रहेगा। इससे पहले जाधव ने दावा किया था कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाने के लिए तीनों दलों के बीच अनौपचारिक चर्चा हुई है। जाधव ने कहा था कि तीनों दलों को लगता है कि यदि मैं अध्यक्ष बनता हूं तो अच्छा काम करूंगा। क्योंकि मैंने मानसून अधिवेशन में विधानसभा के तालिका अध्यक्ष के रूप में बेहतर काम किया था। 

नाना पटोले छोटे आदमी 

पवार ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के उपमुख्यमंत्री तथा पुणे के पालक मंत्री अजित पवार के खिलाफ दिए गए बयान पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। पवार ने कहा कि पटोले छोटे आदमी हैं। इसलिए मैं उनके बयान पर क्यों बोलूं? अगर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कोई टिप्पणी करती तो मैं उस पर बोलता। इससे पहले शनिवार को पुणे में पटोले ने आरोप लगाया था कि उपमुख्यमंत्री कांग्रेस के पदाधिकारियों का काम नहीं करते हैं। 

तीनों दल सरकार एक साथ चला रहे, पार्टी नहीं 

पवार ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों मिलकर राज्य सरकार एक साथ मिलकर चला रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि तीनों दल पार्टी भी एकसाथ चला रहे हैं। तीनों दलों अलग-अलग चलाए जाते हैं। तीनों दलों को अपनी पार्टी मजबूत करने का अधिकार है। तीनों दलों अपने-अपने तरीके से प्रयास कर रहे हैं। इसलिए पार्टी को मजबूत करने के बारे में तीन दलों के नेताओं के बयान को लेकर कोई गलतफहमी नहीं है।
 

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