बंद हो सकती हैं 387 स्कूलें , 20 से भी कम हैं स्टूडेंट्स
बंद हो सकती हैं 387 स्कूलें , 20 से भी कम हैं स्टूडेंट्स
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार ने सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए लेकिन सारे प्रयास विफल होते दिख रहे हैं। जिले के 387 स्कूलों में विद्यार्थी संख्या घटकर 20 से कम हो गई। इन स्कूलों को चलाने के लिए पड़ने वाला आर्थिक बोझ और विद्यार्थियों की गुणवत्ता में सुधार नहीं होने से इन स्कूलों को बंद किया जा सकता है। शिक्षा सचिव ने हाल ही में जिला शिक्षाधिकारी से ऐसे स्कूलाें की रिपोर्ट मांगी है। शासकीय स्तर पर इन स्कूलाें को बंद करने की गतिविधियां शुरू होने की जानकारी मिली है। हालांकि स्थानीय स्तर पर कार्यवाही करने के अधिकार है, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के पुरजोर विरोध के चलते बाधा आ रही है। जिला स्तर से सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है। सूत्रों का कहना है कि, स्कूल बंद करने का फैसला अब सरकारी स्तर पर ही हो सकता है।
राज्य में बंद किए जा सकते हैं 5 हजार स्कूल
पिछले वर्ष 20 से कम विद्यार्थी संख्या वाले राज्य में 1300 स्कूल बंद किए गए। इस वर्ष 5 हजार स्कूल बंद किए जा सकते हैं। नागपुर जिले में ऐसे 387 स्कूल हैं। इन स्कूलों में 2 शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। उनके वेतन पर होने वाला खर्च, समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत होने वाला खर्च तथा स्कूल में सुविधाओं पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। विद्यार्थी संख्या कम रहने से शिक्षकों में पढ़ाने और विद्यार्थियों में पढ़ने की मानसिकता नहीं रहने से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार नहीं होने का निष्कर्ष सामने आया है। इसलिए कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों का समीपस्थ स्कूल में समायोजन करने की प्रक्रिया सरकारी स्तर पर चल रही है।
शिक्षण समिति में हुआ था विरोध
6 महीने पहले जिप की शिक्षण समिति में 12 स्कूल बंद करने का शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव रखा था। कुही और कलमेश्वर तहसील के स्कूलों का इसमें समावेश था। इसका समिति के सदस्यों ने विरोध किया था। शैक्षणिक वर्ष 2017-2018 में गांव का एक स्कूल बंद कर 24 स्कूलों का दूसरे स्कूल में समायोजन किया गया था। इस निर्णय का स्थानीय स्तर से विरोध होने पर शैक्षणिक वर्ष 2018-2019 में सरकारी स्तर पर 16 स्कूल बंद किए गए।