20 मार्च तक चलेगा बजट सत्र अधिवेशन, विधायक की गैर मौजूदगी में दूसरे सदस्य कर सकेंगे सवाल

20 मार्च तक चलेगा बजट सत्र अधिवेशन, विधायक की गैर मौजूदगी में दूसरे सदस्य कर सकेंगे सवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-11 15:46 GMT
20 मार्च तक चलेगा बजट सत्र अधिवेशन, विधायक की गैर मौजूदगी में दूसरे सदस्य कर सकेंगे सवाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना वायरस असर महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र पर नहीं पड़ेगा। विधानमंडल के बजट सत्र का कामकाज 20 मार्च तक चलेगा। बुधवार को विधान परिषद में प्रदेश के वित्त राज्य मंत्री शंभूराज देसाई ने बताया कि सदन के कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में 20 मार्च 2020 तक सदन का कामकाज चलाने का फैसला किया गया है। इससे पहले सदन में संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने बताया कि विधानमंडल में आने वाले आगंतुकों को नियमित पास देने पर रोक लगा दी गई है। केवल जिनके पास पहले से जारी अधिकृत पास है उन्हीं लोगों को विधानभवन में प्रवेश मिल सकेगा। इसलिए विधायक बाहर से आने वाले लोगों को पास देने के लिए आग्रह न करे। सदन में शेकाप के सदस्य जयंत पाटील ने कहा कि ब्रिटेन की स्वास्थ्य मंत्री नदीन डॉरिस को कोरोना हुआ है। ऐसी स्थिति राज्य में न हो। इसके लिए सरकार को अधिवेशन के कामकाज के बारे में फैसला करना चाहिए। पाटील ने कहा कि राज्य में होने वाले ग्राम पंचायत समेत सभी चुनाव स्थगित करना चाहिए। इस पर सदन में सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने पाटील से कहा कि आपको पता है कि सभी संस्थाओं का कार्यकाल पांच साल का होता है। अगर चुनाव नहीं हुआ तो प्रशासक नियुक्त करना पड़ सकता है। इसका संज्ञान आपको लेना चाहिए। ग्राम पंचायत चुनाव टालने के बारे में राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग के पास अधिकार है। सरकार और चुनाव आयोग इस बारे फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। सभापति ने कहा कि अब सदन का कामकाज देखने के आने वाले विद्यार्थियों को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। 

सवाल पूछने वाले विधायक की गैर मौजूदगी में दूसरे सदस्य कर सकेंगे सवाल

विधानसभा के प्रश्नकाल के लिए प्रश्न भेजने वाले विधायक की गैरमौजूदगी में दूसरे सदस्य भी उससे जुड़ा सवाल पूछ सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने नियम 83 को स्थगित करने का ऐलान करते हुए यह बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध होने के बाद अब सदस्य सवाल वापस नहीं ले सकेंगे। इसके अलावा मामला विचार विमर्श के लिए नियमावली समिति के पास भेज दिया गया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए कहा कि मैंने पिछले 30 सालों के दौरान कई बार देखा है कि संबंधित पक्ष से बाहर चर्चा के बाद सवाल पूछने के समय सदस्य विधानसभा से गैरहाजिर हो जाते हैं। इसकी वजह कुछ और होती है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर निर्णय लेने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है लेकिन हमारा भी इस बात पर समर्थन है कि प्रश्न आने के बाद दूसरे सदस्य इसे लेकर सवाल पूछ सकें और प्रश्न सूचीबद्ध होने के बाद इसे वापस न लिया जा सके। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी दुरूपयोग की बात कहते हुए इसे नियमावली समिति के पास भेजने की वकालत ही। प्रश्नकाल के बाद विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने यह मुद्दा सदन के सामने रखा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के भास्कर जाधव से समर्थन मिलने के बाद पटोले ने मामला नियमावली समिति के पास भेजने और तब तक अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए नियम स्थगित करने का ऐलान किया। चर्चा के दौरान शिवसेना के भास्कर जाधव ने कहा कि जो सवाल प्रश्नसूची में आ जाते हैं वे सदन की संपत्ति हो जाते हैं ऐसे में सवाल पूछने वाले मूल सदस्य के न होने पर दूसरे सदस्यों को सवाल पूछने की इजाजत होनी चाहिए।  
 

 

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