बजाज आलियांज इंश्योरेंस कंपनी ने नाॅमिनी को नहीं दिया क्लेम

महीनों से परेशान है बीमा कंपनी से पूरा परिवार बजाज आलियांज इंश्योरेंस कंपनी ने नाॅमिनी को नहीं दिया क्लेम

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-11 12:56 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। क्लेम न देना पड़े इसके लिए अनेक तरीके बीमा कंपनियाँ अपना रही हैं। पॉलिसीधारकों पर बीमारी छुपाने का आरोप लगाते हुए बीमा कंपनियाँ भुगतान करने से हाथ खड़े करती हैं तो कभी यह कहा जाता है कि घर पर रहकर इलाज कराना था। यहाँ तक कि मौत के बाद भी बीमा कंपनी के द्वारा नॉमिनी को क्लेम नहीं दिया जा रहा है। पीड़ित सारे दस्तावेज भी दे रहे हैं पर बीमा अधिकारी उसे दरकिनार करते हुए लगातार चक्कर लगवा रहे हैं। पीड़िताें का आरोप है कि प्रीमियम लेते वक्त अनेक सपने बीमा अधिकारियों ने दिखाए थे पर अब साथ देने की बजाय धोखा दे रहे हैं। मेल का भी जवाब बीमा कंपनी नहीं दे रही हैं और टोल फ्री नंबरों पर संपर्क करने पर वहाँ से सही जवाब नहीं दिया जाता है। नाॅमिनी का आरोप है कि उनके साथ जिम्मेदार गोलमाल कर रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

पति की मौत के बाद से दस्तावेज लेकर भटक रही पीड़िता

छतरपुर निवासी तबस्सुम खान ने अपनी शिकायत में बताया कि पति ने बजाज आलियांज से बीमा कराया था। पॉलिसी क्रमांक 0402224992 का कार्ड भी बीमा कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराया गया था। बीमा का प्रीमियम पति के बैंक अकाउंट से कट रहा था। पति को सीने में दर्द होने के कारण अस्पताल में लेकर गए और वहाँ पर 6 माह पूर्व 2022 में इलाज के दौरान पति की मौत हो गई। चिकित्सकों ने हार्ट अटैक से मौत होने का कारण बताया था। पति की मौत के बाद पत्नी को पॉलिसी का पता चला और उसके द्वारा बीमा कंपनी के ऑफिस में सारे दस्तावेज व मृत्यु प्रमाण पत्र जमा किया गया था।

बीमा कंपनी के द्वारा सारे दस्तावेज लेने के बाद जल्द ही राशि भुगतान करने का वादा किया गया था। पीड़िता पिछले कई महीनों से लगातार बीमा कंपनी में संपर्क कर रही है पर जिम्मेदार किसी भी तरह से सहयोग नहीं कर रहे हैं। नाॅमिनी टोल फ्री नंबर पर भी संपर्क कर रही है पर वे परीक्षण का हवाला देकर कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। मेल करने पर भी किसी तरह का उत्तर उसे नहीं मिल रहा है। पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ बीमा कंपनी के अधिकारी जालसाजी कर रहे हैं।

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