एप से डॉक्टरों की उपस्थिति, क्यू सिस्टम में कतार से मिलेगी मुक्ति

मरीजों के लिए ‘सार्थक’ पहल एप से डॉक्टरों की उपस्थिति, क्यू सिस्टम में कतार से मिलेगी मुक्ति

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-30 09:23 GMT
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डिजिटल डेस्क,कटनी। जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए यह अच्छी खबर है कि अब डॉक्टर सहित अन्य कर्मचारी समय पर मिलेंगे। संचालनालय ने उपस्थिति के लिए सार्थक पोर्टल की अनिवार्यता कर दी है। जिससे अब स्वास्थ्य विभाग का अमला घर बैठकर अपनी हाजिरी नहीं लगा सकेगा। ओपीडी में लंबी-लंबी कतारों की मुक्ति से क्यू मैनेजमेंट सिस्टम भी लागू किया जा रहा है। इसका फायदा यह होगा कि टोकन लेने के बाद उसकी जानकारी संबंधित डॉक्टर के कक्ष तक पहुंच जाएगी। स्क्रीन में जैसे ही उसका नंबर आएगा, वह सीधे डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंच जाएगा। जिला अस्पताल के दो जगहों में यह मशीन लगेगी। जिसमें एक ओपीडी और दूसरी मशीन मेटरनिटी वार्ड में लगेगी।

इस तरह से काम करेगा सिस्टम

ओपीडी में आने वाला मरीज सबसे पहले अपना टोकन लेगा। इसके लिए अस्पताल की मेन लॉबी में एक मशीन लगाई जाएगी। मरीज को खुद ही इससे अपना टोकन लेना होगा। इस टोकन से मरीज को उसका नंबर मिल जाएगा। सिस्टम के तहत लगाई जाने वाली स्क्रीन पर जब उसका नंबर दिखेगा तो वह ओपीडी का पर्चा बनवाएगा। यानि उसे इसके लिए लाइन में नहीं लगना होगा। पर्चे बनाने के साथ ही मरीज से जुड़ी जानकारी डॉक्टर के पास पहुंच जाएगी। साथ ही मरीज का नंबर भी लग जाएगा। मरीज का नंबर आने की जानकारी भी स्क्रीन पर आएगी। अपने नंबर पर वह डॉक्टर के चैंबर में जाएगा।

औसतन पहुंचते हैं 5 सौ मरीज

जिला अस्पताल में औसतन 5 सौ 700 तक मरीज रोजाना आते हैं। ऐसे में अगर यह सिस्टम दावे के मुताबिक काम करता है तो इससे बहुत ज्यादा फायदा होगा। वर्तमान में मरीजों को लाइनों से उलझना पड़ता है। अस्पताल आते ही सबसे पहले उसे पर्चा बनवाने की जंग लडऩा पड़ती है। यहां से निकलकर वह डॉक्टर के चैंबर के सामने लाइन में लग जाता है। यहां के बाद तीसरी लाइन दवा काउंटर पर उसका इंतजार कर रही होती है। एक बीमार आदमी इन सब से उलझते हुए और ज्यादा परेशान हो जाता है।

एप में अटेंडेंस, नहीं बना सकेंगे बहाना

सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए सार्थक एप लागू कर दिया गया है। अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी अब डयूटी को लेकर किसी तरह के बहानेबाजी नहीं बना सकेंगे। यह पूरी तरह से जीपीएस आधारित होगा। बॉयो मीट्रिक के माध्यम से ही सभी कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज होगी। दरअसल अस्पतालों में यह अरसे से समस्या रही कि डयूटी के समय भी डॉक्टर और अन्य अमला अपने-अपने कक्षों में नहीं मिलता है। यहां तक की सुबह देरी से पहुंचने के बाद भी जल्दी घर लौटने की कुपरंपरा रही। यह मामला कई बार सामने आ चुका था, जब मरीज अस्पतालों से बगैर इलाज के लिए ही लौट आए। अब इस तरह की मनमानी कर्मचारी नहीं कर सकेंगे। पहले जहां अधीक्षक या फिर सिविल सर्जन के पास हाजिरी रजिस्टर रहती थी। यहां पर कर्मचारी पहुंचकर उपस्थिति का हस्ताक्षर करता था। इसके बाद ही वह डयूटी में जाता था। गुडविल के कर्मचारी इसका नजायज फायदा भी उठाते थे, लेकिन अब बॉयो मीट्रिक मशीन किसी तरह का व्यवहार नहीं पालेगी। यहां तक की डॉक्टरों के आने और जाने का समय भी इसमें रिकार्ड होगा।

इनका कहना है

जिला अस्पताल में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जा रहा है। इससे आम मरीजों को राहत मिलेगी।  यह सिस्टम इतना आसान होगा कि आम मरीज भी इसका इस्तेमाल कर पाएगा।
- डॉ.यशवंत वर्मा, सिविल सर्जन
सार्थक एप से हाजिरी लगाने के निर्देश मिले हैं। इस संबंध में सभी
अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं।
- डॉ.प्रदीप मुढिय़ा, सीएमएचओ
 

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