एटीएम कार्ड बदल कर धोखाधड़ी करने वाले गिरफ्तार - यूपी के हैं आरोपी
एटीएम कार्ड बदल कर धोखाधड़ी करने वाले गिरफ्तार - यूपी के हैं आरोपी
डिजिटल डेस्क, पन्ना। लोगों से उनके एटीएम कार्ड बदल कर उनके बैंक खातों से लाखों रूपये की रकम निकाल कर धोखाधड़ी कर रहे एक अंर्तराज्यीय गिरोह के दो सदस्यो को पन्ना पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता अर्जित की है । गिरफ्तार किये गयेसदस्यों में अनूपम उर्फ सूरज तिवारी पिता स्वर्गीय राजेश तिवारी उम्र 24 वर्ष निवासी ज्ञानपुर थाना टाउन मोहल्ला जिला भदौई उत्तर प्रदेश, राहुल यादव पिता घनश्याम यादव उम्र 24 वर्ष निवासी मुसी मोहल्ला थाना सिटी कोतवाली भदौई जिला भदौई उत्तर प्रदेश शामिल हैं । आरोपियों ने देवेन्द्रनगर थाना के कस्बा मुख्यालय स्थित एटीएम बूथ में फरियादी जगत सिंह घोष पिता रामसिंह घोष उम्र 59 वर्ष निवासी करहिया पोस्ट डड़वरिया के एटीएम कार्ड बदल कर 5 लाख 90 हजार रूपये की रकम की धोखा-धड़ी किये जाने की वारदात स्वीकार की है।
शातिर हैं आरोपी
गिरफ्तार किये गये दोनों आरोपियों ने बताया कि देवेन्द्रनगर स्थित एटीएम बूथ में जब जगत सिंह घोष रकम निकलने के लिये दखिल हुआ और वह जब एटीएम का पासवर्ड डाल रहा था उसी दौरान उनहोंने पासवर्ड को देख लिया था तथा शातिराना तरीके से एटीएम कार्ड को बदल दिया गया था । उसी एटीएम कार्ड का उपयोग करते हुये 18 जनवरी 2019 से 6 फरवरी 2019 की अवधि के दौरान अलग-अलग स्थानो से 5 लाख 90 हजार रूपये की रकम निकाल ली थी।
यूपी की गाड़ी से आये थे आरोपी सीसी टीव्ही फुटेज से हुई गिरफ्तारी
देवेन्द्रनगर स्थित एटीएम बूथ से वारदात के वक्त के सीसी टीव्ही फुटेज प्राप्त किये गये तथा घटना की जांच विवेचना कार्यवाही शुरू की गयी। पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी द्वारा वारदात के खुलासे के लिये एसडीओपी पन्ना आर.एस.रावत के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया तथा आरोपी गणों के सीसी टीव्ही फुटेज की तस्वीरे जारी की गयी। आज पुलिस को सूचना मिली कि सफेद रंग की गाड़ी क्रमांक यूपी-66-व्ही-2526 में कुछ संदिग्ध बैठे हुये है। सूचना प्राप्त होने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में बड़वारा तिराहा देवेन्द्रनगर पहुंच कर घेराबंदी की गयी तथा कार में बैठे दोनो आरोपी अनूपम उर्फ सूरज तिवारी तथा राहुल यादव का तिरफ्तार किया गया।
शातिराना तरीके से वारदात को देते थे अंजाम
आरोपियो ने वारदात के तरीके के संबंध में बताया कि वे लोग सफर के दौरान बीच-बीच में भीड़ वाले एटीएम बूथों में घुस कर किसी को रकम निकलने में मदद करने के नाम पर या धक्का देकर एटीएम गिरा देते थे और सामने वाले का ध्यान विचलित कर एटीएम कार्ड बदल लेते थे । पासवर्ड एटीएम बूथ में देख लेते थे बाद में दूसरी जगह से नगदी रकम या स्वीप के माध्यम से व्यक्ति के खाते की जमा रकम निकाल लेते थे। उन उपभोक्ताओं को टारगेट किया जाता था जो एटीएम कार्ड का प्रयोग करने में महिर नही होते थे।