फिल्म अभिनेता राकेश रोशन से ठगे पैसे लौटाने की मांग पर सीबीआई और सरकार से जवाब तलब
हाईकोर्ट फिल्म अभिनेता राकेश रोशन से ठगे पैसे लौटाने की मांग पर सीबीआई और सरकार से जवाब तलब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेता राकेश रोशन की ओर से दायर की गई याचिका पर सीबीआई व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में अभिनेता रोशन ने मांग की है कि उन्हें वे पैसे वापस किए जाए जो उनके साथ साल 2011 में धोखाधड़ी करनेवाले दो लोगों के पास बरामद किए गए थे।
बुधवार को न्यायमूर्ति आरजी अवचट ने याचिका पर गौर करने के बाद सीबीआई व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उन्हें जवाब देने को कहा और याचिका पर सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।
दरअसल साल 2011 में दो लोगों ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताकर अभिनेता राकेश रोशन से मिले थे। इन फर्जी अधिकारियों ने एक कथित विवाद को सुलझाने के एवज में रोशन से 50 लाख रुपए की मांग की थी। अभिनेता रोशन ने रोशन लाइन प्रोड्यूसर से जुड़े विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने के लिए फर्जी सीबीआई अधिकारियों को 50 लाख रुपए दे दिए। लेकिन जब अभिनेता रोशन को धोखाधड़ी का एहसास हुआ तो उन्होंने अगस्त 2011 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पास एफआईआर दर्ज कराई। बाद में सीबीआई ने इस मामले को अपने पास ले लिया।
जांच के बाद सीबीआई ने उन दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया जिन्होंने अभिनेता रोशन के साथ ठगी की थी। सीबीआई ने दोनों आरोपियों के पास 21 अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए थे। आरोपियों के पास से कुल दो करोड़ 94 लाख रुपए भी बरामद किए गए थे। जिसमें रोशन के 50 लाख रुपए का भी समावेश था। अक्टूबर 2012 में अभिनेता रोशन ने सीबीआई की विशेष अदालत में अपने पैसे वापस दिए जाने की मांग को लेकर आवेदन किया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद साल 2012 में रोशन को 30 लाख रुपए लौटाने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही रोशन को कोर्ट में सिक्योरिटी के तौर पर मुकदमे की सुनवाई खत्म होने तक 50 लाख रुपए का बांड भी जमा करने को कहा था।
इसके बाद रोशन ने साल 2020 में अभिनेता रोशन ने शेष 20 लाख रुपए की रकम वापस करने के लिए आवेदन किया। जिसे विशेष अदालत ने दिसंबर 2021 में खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि रोशन ने साल कोर्ट के साल 2012 के आदेश को तय समय सीमा के भीतर चुनौती नहीं दी है। इसलिए उनके नए आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता है। जिसे रोशन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है और विशेष अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग की है।