आरोप: इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के अधिकारी कर रहे गोलमाल
मौत के बाद नॉमिनी को नहीं मिला आज तक बीमा क्लेम आरोप: इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के अधिकारी कर रहे गोलमाल
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अनेक बीमा कंपनियों ने आम लोगों से लुभावने वादे करते हुए पॉलिसी बेचकर करोड़ों का मुनाफा कमाते हुए लाभ का धंधा भी बना लिया है। लाभ कमाने के लिए बीमा कंपनियाँ अपने पॉलिसीधारकों के साथ जालसाजी करने में पीछे नहीं हट रही हैं। बीमितों का आरोप है कि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी, मैक्स बूपा, बजाज एलियांज हेल्थ इंश्योरेंस, चोला एमएस हेल्थ इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो जनरल हेल्थ इंश्योरेंस, मणिपालसिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस, नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस, न्यू इंडिया अश्योरेंस हेल्थ इंश्योरेंस, ओरिएण्टल हेल्थ इंश्योरेंस, रहेजा क्यूबीई हेल्थ इंश्योरेंस, रॉयल सुंदरम हेल्थ इंश्योरेंस, रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस, यूनिवर्सल सोम्पो हेल्थ इंश्योरेंस सहित अनेक कंपनियों ने लाभ देने का वादा करते हुए पॉलिसी आम लोगों को बेची पर जब आम लोगों को अस्पताल में इन कंपनियों की जरूरत पड़ी तो कैशलेस तो दूर की बात है, अनेक खामियाँ निकालकर क्लेम ही रिजेक्ट करने का खेल बीमा कंपनियाँ कर रही हैं। इन बीमा कंपनियों पर अकुंश लगाने वाले जिम्मेदार विभाग के अधिकारी मौन बैठे हुए हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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पुरानी बीमारी का हवाला देकर किया जा रहा परेशान
नरसिंहपुर गोटेगाँव के भगतराम चौराहा राम मंदिर निवासी अभिषेक नेमा ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पिता अशोक कुमार नेमा ने आंध्रा बैंक से बीमा कराया हुआ था। बीमा कराते वक्त बैंक अधिकारियों व इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के कर्मचारियों ने वादा किया था कि इलाज के साथ ही पॉलिसीधारक की आकस्मिक मौत होती है तो बीमा कंपनी पूरी राशि देगी। बीमित अशोक कुमार के द्वारा बाकायदा प्रीमियम भी जमा किया गया था। पिता अशोक का अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान पिता की मौत हो गई। पिता की मौत होने के बाद बीमा कंपनी में सारे दस्तावेज जमा किए गए थे तो बीमा अधिकारियों ने यह कहा था कि आपको जल्द ही पूरा भुगतान मिल जाएगा, पर पिता की मौत के ढाई साल बाद भी नॉमिनी को आज तक बीमा राशि नहीं मिली। नॉमिनी प्रभा देवी लगातार बीमा कंपनी व बैंक जा रही हैं पर वहाँ से किसी भी तरह का सहयोग बीमा अधिकारियों के द्वारा नहीं दिया जा रहा है। अब बीमा कंपनी यह बोल रही है कि पॉलिसीधारक अशोक कुमार नेमा को किडनी की बीमारी थी, इसलिए हम उन्हें क्लेम की राशि नहीं देंगे। पीड़ित का आरोप है कि उसके साथ बीमा अधिकारियों के द्वारा गोलमाल किया जा रहा है। नॉमिनी जल्द ही विधिक सेवा प्राधिकरण में शिकायत कर न्याय की गुहार लगाएगा।