फर्जी स्कोर कार्ड के आधार पर एडमिशन करने वालों की शामत, एमबीए प्रवेश के लिए मान्य होंगे केवल चुनिंदा परीक्षा के स्कोर
फर्जी स्कोर कार्ड के आधार पर एडमिशन करने वालों की शामत, एमबीए प्रवेश के लिए मान्य होंगे केवल चुनिंदा परीक्षा के स्कोर
डिजिटल डेस्क, नागपुर । एमबीए पाठ्यक्रम में फर्जी स्कोर कार्ड के सहारे होने वाले एडमिशन को रोकने के लिए राज्य उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग (डीटीई) ने नए कदम उठाए हैं। डीटीई ने हाल ही में नोटिफिकेशन जारी कर स्पष्ट किया है कि एमबीए प्रवेश के लिए सिर्फ महाराष्ट्र एमबीए/एमएमएस सीईटी, सीमैट और कैट के स्कोर ही वैध माने जाएंगे। इसके अलावा जीमैट, मैट, एटमा और एक्सएटी परीक्षाओं के स्कोर के आधार पर एमबीए में प्रवेश नहीं दिए जाएंगे। डीटीई ने यह कदम वर्ष 2019-20 की एमबीए प्रवेश प्रक्रिया में हुई धांधली को ध्यान में रखते हुए उठाया है। पिछले वर्ष करीब 26 विद्यार्थियों ने जीमैट, मैट, एटमा और एक्सएटी परीक्षाओं के फर्जी स्कोर कार्ड के आधार पर एमबीए में प्रवेश प्राप्त कर लिए थे। दैनिक भास्कर ने लगातार इस विषय को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद हरकत में आए सीईटी सेल और डीटीई ने न सिर्फ इन 26 विद्यार्थियों पर कार्रवाई की, बल्कि सारी प्रवेश प्रक्रिया ही नए सिरे से आयोजित की। आगामी शैक्षणिक सत्र में होने वाले प्रवेश में इस प्रकार की घटना फिर न हो, इसके लिए डीटीई ने यह निर्णय लिया है।
ऐसे होती थी गड़बड़ी
एमबीए पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को पहले प्रवेश परीक्षा देनी होती है। इसमें जीमैट, मैट, एटमा और एक्सएटी परीक्षाओं के स्कोर के आधार पर भी प्रवेश दिए जाते थे। जुलाई 2019 में हुई एमबीए प्रवेश प्रक्रिया में पता चला कि एमबीए की ऑल इंडिया अंतिम मेरिट लिस्ट में टॉप 8 विद्यार्थियों का एटमा परीक्षा का स्कोर कार्ड 99.99 परसेंटाइल था, जबकि पिछली चार एटमा परीक्षा का रिजल्ट देखने पर पता चला कि परीक्षा में किसी भी विद्यार्थी को 99.98 परसेंटाइल से अधिक नहीं मिले हैं। सीईटी सेल ने भी बगैर पुख्ता पड़ताल किए ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट जारी कर दी। इसमें कई फर्जी स्कोर कार्डधारक विद्यार्थियों को भी अच्छा रैंक मिल गया। दरअसल विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश अंकों के ऑनलाइन वेरिफिकेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण यह गड़बड़ी हुई थी। इस बात का जिक्र डीटीई ने अपने नोटिफिकेशन में भी किया है।