गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प में धांधली की एसीबी से होगी जांच
गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प में धांधली की एसीबी से होगी जांच
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ पाटबंधारे विकास महामंडल के अंतर्गत गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प में हुई धांधली प्रकरण को लेकर सदर थाने में एसीबी की शिकायत पर एक और मामला गोसीखुर्द प्रकल्प के अधिकारियों पर दर्ज किया गया है। इस प्रकरण की जांच एसीबी को दी गई है। एसीबी की शिकायत पर जलसंपदा विभाग के कार्यकारी अभियंता, विभागीय लेखाधिकारी, अधीक्षक अभियंता, मुख्य अभियंता सहित पांच अधिकारियों पर नया मामला दर्ज किया गया है। एसीबी की ओर से एक माह पहले सिंचाई प्रकल्प में 7 प्रकरण दर्ज किए गए थे, इसमें सिंचाई विभाग के 11 अधिकारियों का समावेश था।
मिलीभगत
एसीबी के अनुसार, विदर्भ के सिंचाई प्रकल्प में हुई धांधली की जांच एसीबी कर रही है। "गोसीखुर्द की दाहिनी नहर 6 से 30 किमी तक प्लास्टर करने के लिए निविदा प्रक्रिया में धांधली की गई, इसमें जलसंपदा विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता, अधीक्षक अभियंता के साथ अन्य अधिकारियों का समावेश होने की जानकारी उजागर हुई है। इस कारण एसीबी ने बुधवार को सदर थाने में तत्कालीन पांच अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
यह है आरोप
आरोप है कि निविदा प्रक्रिया के समय महामंडल के अधिकारियों ने अपने पदों का दुरुपयोग किया। इन अधिकारियों ने अवैध तरीके से निविदा का मूल्य बढाकर 855.06 लाख रुपए कर दिया। इस निविदा के िलए मंत्रालय के वित्त व नियोजन विभाग के प्रधान सचिव के मार्फत मंजूरी लेना जरूरी था, लेकिन विदर्भ पाठबंधारे विभाग महामंडल के कार्यकारी संचालक ने खुद के दम पर निविदा को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसके चलते निविदा प्रक्रिया में धांधली कर उनके मनपसंद व्यक्तियों की कंपनी को नहर के निर्माण, प्लाटर व दीवार बनाने का ठेका दिया गया।
इनकी लिप्तता
यह धांधली गोसीखुर्द बायीं नहर विभाग वाही, पवनी जिला भंडारा के तत्कालीन कार्यकारी अभियंता केशव चंद्रकांत तायडे, तत्कालीन अधीक्षक अभियंता संजय लक्ष्मण खोलापुरकर, तत्कालीन मुख्य अभियंता सोपान रामराव सूर्यवंशी, तत्कालीन कार्यकारी संचालक रोहिदास मारोती लांडगे, वरिष्ठ विभागीय लेखाधिकारी धनराज आत्माराम नंदगवली ने किया है। यह कार्रवाई एसीबी की पुलिस अधीक्षक रश्मि नांदेडकर व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व प्रभारी जांच अधिकारी राजेश दुद्दलवार के मार्गदर्शन में समन्वय अधिकारी मिलिंद तोतरे, मनोज कारनकर, गजानन गाडगे विकास गडेलवार ने पूरी की। उसके बाद सदर थाने में उक्त पांचों अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।