कला और संस्कृति का अनूठा समागम, वक्ताओं ने रखे विचार, राममय हुआ मानस भवन

तृतीय वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस कला और संस्कृति का अनूठा समागम, वक्ताओं ने रखे विचार, राममय हुआ मानस भवन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-07 09:04 GMT
कला और संस्कृति का अनूठा समागम, वक्ताओं ने रखे विचार, राममय हुआ मानस भवन

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मानस मर्मज्ञ, पद्म भूषण से सम्मानित पं. रामकिंकर महाराज के नाम पर स्थापित मानस भवन शुक्रवार को राममय हो गया। हर तरफ श्रीराम से जुड़ीं कलाकृतियाँ, चित्र, पोस्टर लगे थे। लोग भी जय सियाराम के जयघोष लगा रहे थे। अवसर था ब्रह्मर्षि मिशन समिति के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित तृतीय वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का। जिसका विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। 

उद्घाटन सत्र में भाजपा के प्रखर वक्ता सुधांशु त्रिवेदी जैसे ही हाल में पहुँचे, जय श्रीराम के जयघोष गूँजने लगे। उन्होंने भाषण शुरू किया तब भी जयघोष गूँजते रहे। श्री त्रिवेदी ने कहा कि प्रभु श्रीराम को किसी एक देश की भौगोलिक सीमा में नहीं बाँधा जा सकता, वे सर्व व्यापी हैं। इसके प्रमाण विश्व भर में देखे जा सकते हैं। इंडोनेशिया, थाईलैंड, पेरिस, इराक, इजिप्ट, इटली से लेकर फ्रांस तक में मिले अवशेष उनकी उपस्थिति का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया जैसे इस्लामिक देश में रामायण का प्रतिदिन प्रसारण किया जाता है। चाहे मुस्लिम हों, बौद्ध हों या फिर भगवान को न मानने वाले हों, वे भी राम से जुड़े हैं। श्रीलंका के संस्कृति मंत्री विदुरा विक्रमानायके ने कहा कि संस्कृति और भाषा के मेल से सभी जुड़े हुए हैं। संस्कृति की पहचान संस्कार और राम से है।

उद्घाटन सत्र में सांसद राकेश सिंह, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, रिटायर्ड जनरल जीडी बख्शी, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोंटिया, विधायक अजय विश्नोई, विनय सक्सेना, ज्ञानेश्वरी दीदी, डॉ.अखिलेश गुमास्ता, गोविंद सिंह, एडवोकेट रवि रंजन, सतविंदर सिंह ग्रोवर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस दौरान पंकज गौर एवं प्रो. नीलांजना पाठक द्वारा लिखित स्मारिका और ब्रह्मर्षि मिशन के संस्थापक ब्रह्मर्षि विश्वात्मा बावरा के विचारों एवं प्रवचनों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया।  

वर्चुअली जुड़े मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े। उन्होंने कहा कि भारतीय चिंतन में अनेक समस्याओं का समाधान समाहित है। विश्व के राष्ट्र, भारत की पुरातन आध्यात्मिक सम्पदा को स्वीकारते हैं। रामायण अद्भुत ग्रंथ है। आज भी गाँव-गाँव में इसे गाया और सुनाया जाता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शोध-पत्र प्रस्तुत करने आए विद्वानों का अभिनंदन किया और काॅन्फ्रेंस की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं। 

आज होंगे ये आयोजन

सुबह 9:30 बजे से प्लेनरी सेशन में अमेरिका के प्रो. बलराम सिंह, शांतनु गुप्ता, प्रो. शिवानी शर्मा, प्रो. डॉ. एसपी गौतम, डॉ. राघवेंद्र गुप्ता, पूर्व आईएएस मनोज श्रीवास्तव द्वारा जौं रघुबीर होति सुधि पाई, करते नहीं विलंबु रघुराई  पर व्याख्यान होगा। इसके बाद यूएसए के जैफ्री आर्मस्ट्राॅन्ग, नीलेश ओक, पंकज गौर व डॉ. अंजलि खरे द्वारा विचार एवं शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएँगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में शाम 6 बजे रूपवानी बनारस की राम की शक्ति पूजा पर नृत्य नाटिका होगी।  शाम 7 बजे नंदीग्राम की एक शाम मोनो थिएटर पर एकल अभिनय डॉ. अखिलेश गुमास्ता द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। शाम 7:30 बजे कुमारी सूर्य गायत्री कालीकट की भजन संध्या होगी। 

भेंट की रुद्राक्ष की माला 

ब्राह्मण स्वयंवर संस्कार महासभा द्वारा डुमना हवाई अड्डे पर श्री त्रिवेदी का अभिनंदन किया गया। इस मौके पर श्री त्रिवेदी  को नर्मदेश्वर शिवलिंग, ब्राह्मण समाज की पत्रिका नवजीवन भेंट कर रुद्राक्ष की माला पहनाई गई। इस मौके पर डॉ. जितेंद्र जामदार, केके शर्मा, सुशील शुक्ला, दिलीप दुबे, आरती दीक्षित आदि मौजूद रहे।

विश्व भर से आए विद्वानों ने प्रस्तुत किए शोध

प्लेनरी सेशन-1 में थाईलैंड के चिरापत प्रपन्न विद्या, रिंकू बडेरा, अमेरिका की डॉ. इंद्राणी रामप्रसाद, थाईलैंड के  प्रो. सोमवत प्रसाद ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। प्लेनरी सेशन-2 में राम हैरिटेज पर प्रो. कुमारी नेहा सिंह, इंडोनेशिया के प्रो. धरमयास इंडोनेशिया ने गाय की महिमा पर विचार रखे। प्लेनरी सेशन-3 में अमेरिका के डॉ. माइकल स्टेनफील्ड, विराज सिंह यादव एवं प्रो. डॉ. सपना चौधरी ने बीसवीं सदी की राम चरित मानस, राधेश्याम रामायण पर विचार रखे। प्लेनरी सेशन-4 में सीता इन रामायण पर डॉ. चंदेश ओलिवार, डॉ. शरीन शाहजहां एवं डॉ. नीना उपाध्याय द्वारा अपने विचार एवं शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। रामायण थियेटर थाईलैंड पर प्रो. नरीराज की प्रस्तुति ने भी सभी का मन मोहा। कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के शांतनु गुप्ता द्वारा स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए रामायण पाठशाला भी शुरू की गई। इसके पूर्व प्रात: शबद कीर्तन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस दौरान प्रो. सुखदेव सिंह एवं साथियों द्वारा शबद कीर्तन की प्रस्तुति दी गई।

फ्रेंच भाषा में अनुवाद के लिए सीखनी पड़ी संस्कृत

प्राइम सेशन धूम में प्रो.फिलिप विनुयाड की संगीता सिन्हा से वार्ता हुई। जिसमें प्रो. फिलिप ने बताया कि उन्होंने वाल्मीकि रामायण का फ्रेंच भाषा में अनुवाद करने के लिए सबसे पहले संस्कृत सीखी और संस्कृत सीखने के बाद 12 वर्ष में उन्होंने वाल्मीकि रामायण का  फ्रेंच भाषा में अनुवाद किया। 

विदेशी मेहमानों ने चखे देशी व्यंजन 

तृतीय वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में प्रथम दिन रात्रि भोज के दौरान विदेशी मेहमानों ने भारतीय माइनर मिलेट्स के विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों को चखा एवं प्रशंसा की। मेहमानों को कोदो कुटकी, रागी, सामा, कंगनी एवं बाजरे के स्वादिष्ट उत्पाद एवं व्यंजन परोसे गए।

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