जलसंकट से निपटने खर्च हुए 742 करोड़ 66 लाख, औरंगाबाद विभाग में सबसे अधिक

जलसंकट से निपटने खर्च हुए 742 करोड़ 66 लाख, औरंगाबाद विभाग में सबसे अधिक

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-08 13:43 GMT
जलसंकट से निपटने खर्च हुए 742 करोड़ 66 लाख, औरंगाबाद विभाग में सबसे अधिक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने जलसंकट से निपटने के लिए साल 2019-20 में 742 करोड़ 66 लाख रुपए खर्च किए। जबकि साल 2018-19 में जलसंकट पर मात करने के लिए 530 करोड़ 54 लाख रुपए खर्च हुए थे। जलसंकट ग्रस्त गांवों और बस्तियों में टैंकर से पानी उपलब्ध कराने, अस्थायी जलापूर्ति योजना, पानी के अन्य स्त्रोतों को पुनर्वजीवित करने की योजना पर इस राशि का इस्तेमाल हुआ है। विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश की गई राज्य की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इसके अनुसार साल 2019-20 में सबसे अधिक औरंगाबाद विभाग में 315 करोड़ 48 लाख खर्च हुए हैं। नागपुर विभाग में 66 करोड़ 67 लाख रुपए, अमरावती विभाग में 94 करोड़ 94 लाख, नाशिक विभाग में 135 करोड़, पुणे विभाग में 93 करोड़ 23 लाख, कोंकण विभाग में 16 करोड़ 5 लाख रुपए खर्च हुए हैं। जबकि साल 2018-19 में भी सबसे अधिक औरंगाबाद में 241 करोड़ 43 लाख खर्च हुए थे। पिछले साल नागपुर विभाग में 47 करोड़ 23 लाख, अमरावती विभाग में 85 करोड़ 2 लाख, नाशिक विभाग में 61 करोड़ 46 लाख, पुणे विभाग में 78 करोड़ 73 लाख और कोंकण विभाग में 16 करोड़ 67 लाख रुपए खर्च हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार साल 2018-19 में 1 हजार 857 गांवों और 11 हजार 875 बस्तियों में टैंकर से पानी पहुंया गया था। 
 

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