राज्य में रोजाना मिल रहे मलेरिया के 17 मरीज, पिछले साल घटे 20 प्रतिशत केस, 5 जिलों में एक भी नहीं
विश्व मलेरिया दिवस राज्य में रोजाना मिल रहे मलेरिया के 17 मरीज, पिछले साल घटे 20 प्रतिशत केस, 5 जिलों में एक भी नहीं
डिजिटल डेस्क, मुबई, मोफीद खान. महाराष्ट्र में मलेरिया के रोजाना औसतन 17 मरीज मिल रहे हैं। इसका अंदाजा स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इस वर्ष महज तीन महीने में मलेरिया के 1487 मरीज मिले हैं। हालांकि सरकारी उपायों से प्रदेश में मलेरिया मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। वर्ष 2021 के मुकाबले 2022 में मलेरिया के 20 प्रतिशत कम केस मिले। खास यह कि राज्य के पांच जिलों (लातूर, उस्मानाबाद, नांदेड़, परभणी, हिंगोली) में मलेरिया का एक भी मरीज मिला। हर साल 25 अप्रैल के विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वाशिम, सांगली, बीड, भंडारा, रत्नागिरी, धुले, नंदुरबार, वर्धा, अहमदनगर, कोल्हापुर, नासिक, जलगांव, सोलापुर, छत्रपति संभाजीनगर, जालना और यवतमाल ऐसे 16 जिले हैं, जहां मलेरिया के मामले 1 से 10 के बीच दर्ज हैं।
स्वास्थ्य विभाग इस साल मलेरिया के मामलों में और कमी लाने की कोशिश करेगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोकथाम के लिए मुहिम चलाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक वर्ष 2021 में 1.34 करोड़ जबकि 2022 में लगभग 1.65 करोड़ रक्त सैंपल की जांच की गई। 2021 की तुलना में 2022 में जांच की संख्या अधिक होने के बावजूद संक्रमित मरीजों की संख्या में कम हुई।
मच्छर नियंत्रण के लिए उपाय
राज्य की सर्विलांस अधिकारी डॉ. बबिता कमलापुर ने बताया कि चयनित एवं प्रकोप संभावित गांवों में घर-घर जाकर सिंथेटिक पाइरेथ्रायड कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा। छत्रपति संभाजीनगर, बीड, नांदेड, परभणी, धुले, नासिक, मनमाड, जलगांव, भुसावल, अहमदनगर, पंढरपुर, सोलापुर, अकोला, पुणे और मुंबई जैसे 15 शहरों में टेमीफॉस, बीटीआई कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाता है।
राज्य में मलेरिया की स्थिति
वर्ष मरीज
2020- 12,909
2021- 19,303
2022- 15,451
2023 ( मार्च तक)- 1487
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