चाईल्ड पोर्नोग्राफी मामले में पांच माह के भीतर दर्ज हुई 125 एफआईआर
चाईल्ड पोर्नोग्राफी मामले में पांच माह के भीतर दर्ज हुई 125 एफआईआर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में जुलाई से नवंबर 2019 के बीच चाइल्ड पोर्नोग्राफी अपलोड करने के 1680 मामलों में पाक्सो कानून के तहत 125 एफआईआर दर्ज करते हुए 40 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बच्चों के अश्लील वीडियो इंटरनेट पर अपलोड करने वालों की पहचान और ऐसे वीडियो की निगरानी के लिए राज्य सरकार अपनी व्यवस्था भी बनाएगी। साथ ही चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए प्रस्तावित दिशा कानून में इससे जुड़े कानून को और सख्त करते हुए जुर्माना भी बढ़ाया जाएगा। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में यह जानकारी दी।
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ भाजपा के आशीष शेलार, पराग अलवणी, अतुल भातखलकर, मनीषा चौधरी आदि सदस्यों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सदन का ध्यान इस मुद्दे पर खींचा था। सदस्यों के सवालों के जवाब देते हुए मंत्री देशमुख ने बताया कि दूसरे राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ सबसे ज्यादा कार्रवाई की है। फिलहाल अमेरिका की दि नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लाइटेड चिल्ड्रन नाम की संस्था और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, (एनसीआरबी) से मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई की जाती है। संबंधित संस्थाओं ने वीडियो अपलोड करने वालों के प्रोफाइल नाम, स्थान, आईपी एड्रेस, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराईं थीं। सील बंद सीडी में अपलोड की गई नाबालिगों के 1680 वीडियों वाली अश्लील सीडी कार्रवाई के लिए राज्य के 10 आयुक्तालयों और 29 जिला प्रमुखों को सौंपी गई थी। कार्रवाई के लिए ऑपरेशन ब्लैक फेस शुरू किया गया था। इसके बाद पाक्सो,आईपीसी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत कुल 104 मामले दर्ज किए गए।
उन्होंने बताया कि मुंबई से मिले 653 वीडियो को लेकर 7 मामले दर्ज करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा नंदुरबार, चंद्रपुर, भंडारा, बीड, परभणी, अहमदनगर, औरंगाबाद, कोल्हापुर, लातूर, नाशिक, रायगढ, पुणे में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े वीडियो अपलोड करने के 30 मामले दर्ज कर 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। देशमुख ने कहा कि फिलहाल महाराष्ट्र के सायबर विभाग के आईजी साइबर (बृजेश सिंह) बेहतरीन काम कर रहे हैं और इससे कई राज्य सरकारे प्रभावित हैं लेकिन हमारी कोशिश चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए ज्यादा बेहतर और स्वतंत्र व्यवस्था बनाना है। फिलहाल कानून में ऐसे वीडियो क्लिप स्टोर करने वालों के लिए तीन साल कैद और पांच हजार जुर्माने का ही प्रावधान है जिसे प्रस्तावित दिशा कानून में बढ़ाया जाएगा।