कक्ष क्रमांक 8 की जगह पर 1 और 2 में बैठेंगी नगर निगम की 10वीं महापौर
कार्यालय को चकाचक कर रहे कर्मचारी, परिसर में बदलाव भी पहली बार कक्ष क्रमांक 8 की जगह पर 1 और 2 में बैठेंगी नगर निगम की 10वीं महापौर
डिजिटल डेस्क,कटनी। नगर में सत्ता के बदलाव के साथ ही ननि में कक्षों में भी बदलाव का दौर चालू हो गया है। निर्दलीय महापौर प्रीति संजीव सूरी इस बार कक्ष क्रमांक 8 से नहीं, बल्कि कक्ष क्रमांक 1 और 2 से दायित्वों का निर्वहन करते हुए नगर सरकार चलाने का काम करेंगी। जिसकी तैयारी ननि परिसर में शुरु कर दी गई है। मंगलवार को जलप्रदाय शाखा के दोनों कक्षों को खाली किया गया। इसके साथ पुराने महापौर कक्ष क्रमांक 8 से अलमारी, टेबल और कुर्सियों को यहां से अलग करते हुए श्रमिक दिखाई दिए।
जानकार इसे वास्तु शास्त्र के हिसाब से देख रहे हैं। वहीं ननि से जुड़े जानकारों ने बताया कि पहले महापौर विजेन्द्र मिश्रा को कक्ष क्रमांक 1 ही आवंटन हुआ था। इसके बाद संदीप जायसवाल जब महापौर की कुर्सी संभाले तो कक्ष क्रमांक 2 में बैठकर कामकाज चलाते रहे। निर्मला पाठक के समय महापौर का चेम्बर कक्ष क्रमांक 8 को बनाया गया था। अब फिर से नगर निगम में मेयर को वही कक्ष आवंटित किया जा रहा है। जिस कक्ष से शहर के सरकार की शुरुआत हुई थी।
इस तरह से रहेगा नया रुप
सिंगल विंडो में ही लोगों का कामकाज हो। इसके लिए नगर निगम के प्रशासक के रुप में कलेक्टर प्रियंक मिश्रा पहले ही गलियारे में कांच का काउंटर बनवा चुके हैं। कक्ष क्रमांक एक मुख्य द्वार के चैनल गेट से ही लगा हुआ है। ऐसे में महापौर का सीधे कक्ष क्रमांक एक में ही प्रवेश होगा। कक्ष क्रमांक 8 और 9 में जलप्रदाय शाखा के अधिकारी और कर्मचारी बैठेंगे। कक्ष क्रमांक 3 और 4 में ननि का जनसंपर्क शाखा खुलेगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अभी लिखित रुप में कोई आदेश नहीं आया है।
निगमाध्यक्ष का तय नहीं चैंबर
जिस तरह से निगमाध्यक्ष को लेकर नित्य नए समीकरण बन रहे हैं। उसी तरह के हालात चैंबर को लेकर भी है। पहले कक्ष क्रमांक 2 निगम अध्यक्ष का रहा। बाद में जब प्रशासक का कार्यकाल आया तो इसे जलप्रदाय शाखा का कक्ष बना दिया गया था। कक्ष क्रमांक 1 कार्यपालन यंत्री और इस कक्ष में जलप्रदाय के अन्य कर्मचारी और अधिकारी बैठते थे। वर्तमान समय में नगर निगम में निगमाध्यक्ष के चैंबर को लेकर चर्चा है कि निर्वाचन शाखा या फिर स्टोर रुम के कक्ष को तब्दील किया जा सकता है।
तीन वर्ष से चल रहा बदलाव
यहां पर तीन वर्ष से कक्षों में बदलाव का दौर जारी है। इसकी शुरुआत स्वच्छ भारत मिशन के कार्यालय से हुई थी। जिस जगह में वर्तमान समय में कमिश्नर बैठते हैं। वह कक्ष पहले स्वच्छ भारत मिशन का रहा। इस कक्ष को प्रथम मंजिल में राजस्व शाखा के हाल में भेज दिया गया। जिस जगह पर कमिश्नर बैठते थे। वह कक्ष उपायुक्त के लिए आवंटित है। बदलाव का यह दौर अब जनप्रतिनिधियों की कुर्सियों में भी देखा जा रहा है।