रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट: विनायक राऊत ने चुनाव आयोग को नारायण राणे की जीत को लेकर भेज दिया है नोटिस

  • राणे का निर्वाचन रद्द करने की मांग
  • चुनाव में लगाया धांधली का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-19 14:17 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट से शिवसेना (उद्धव) के उम्मीदवार विनायक राऊत ने भाजपा सांसद नारायण राणे के चुनाव को रद्द करने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है। राऊत ने अपने वकील असीम सरोदे के हवाले से नोटिस में लिखा है कि राणे ने भ्रष्ट साधनों का इस्तेमाल कर रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट से चुनाव जीता था, इसलिए उनके चुनाव को रद्द किया जाए। इसके साथ ही राऊत ने राणे के 5 साल तक चुनाव लड़ने और मतदान करने पर भी प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है। राणे ने राऊत को 47 हजार 858 वोटों से हराकर चुनाव जीता था।

नोटिस में क्या लिखा है?

राऊत ने चुनाव आयोग को भेजे नोटिस में लिखा है कि रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार की अवधि 5 मई को खत्म हो गई थी, लेकिन बावजूद इसके भाजपा के कार्यकर्ता 6 मई को भी नारायण राणे के लिए प्रचार कर रहे थे। उनके कार्यकर्ता प्रचार के दौरान मतदाताओं को ईवीएम मशीन का डेमो दिखाकर एवं पैसे देकर राणे को वोट देने के लिए कह रहे थे। राऊत ने नोटिस में आगे लिखा कि नारायण राणे के विधायक बेटे नितेश राणे ने तो एक सार्वजनिक बैठक में मतदाताओं को धमकी भी दी थी कि अगर राणे साहब को वोट नहीं दिया तो उन्हें इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।

नोटिस में कहा गया है कि नारायण राणे, नितेश राणे और भाजपा कार्यकर्ताओं ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है, इसलिए चुनाव आयोग को राणे की जीत की जांच करनी चाहिए। चुनाव आयोग को नोटिस का जवाब 7 दिनों के भीतर देने को भी कहा है। इसके साथ ही राणे की सांसदी भी रद्द करने की मांग की है। विनायक राऊत ने कहा कि भ्रष्टाचार का सहारा लेकर चुने गए राणे की जीत को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी जाएगी। गौरतलब है कि रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट पर भाजपा ने नारायण राणे को टिकट दिया था, जबकि शिवसेना (उद्धव) से विनायक राऊत चुनाव मैदान में थे। लेकिन जब चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो राणे ने राऊत को हरा दिया।

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