नागपुर: नहीं भाग पाएंगे शातिर चोर, तैयार हो रही गूगल शीट, आसानी से ढूंढ सकेगी पुलिस
- स्थानीय मदद की जरूरत नहीं
- नागपुर से हो रही है पहल
- शहर की क्राइम ब्रांच तैयार कर रही पूरा डेटा
डिजिटल डेस्क, नागपुर, अभय यादव | शहर में कहीं भी छिपे शातिर चोरों को अब देश के किसी भी शहर की पुलिस आकर उसे बिना स्थानीय पुलिस की मदद से पकड़कर ले जा सकेगी। ऐसे शातिर चोरों की एक गूगल शीट बनाई जा रही है, जिसे शहर की क्राइम ब्रांच पुलिस तैयार कर रही है। इसमें शहर के सभी थानों के डीबी स्क्वॉड का सहयोग लिया जा रहा है। गूगल शीट में संबंधित के नाम, आधारकार्ड, घर का पता, पुलिस स्टेशन का नाम, संपर्क नंबर और घर के मैप से जुड़ी तमाम जानकारी होगी। इस शीट को गुगल से लिंक किया जाएगा, जिससे एक ही क्लिक पर उक्त चोर से जुड़ी तमाम जानकारी और उसके ठिकाने का पता आसानी से चल जाएगा। इसमें उसकी ‘जन्म कुंडली’ का पूरा डेटा फीड रहेगा।
शहर में ऐसे 2 हजार आरोपी : कई बार पुलिस के पहुंचने से पहले ही चोरों तक उनके आने की खबर पहंुच जाती है, जिससे वह फरार हो जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि पुलिस बिना किसी से कुछ पूछे सीधे आरोपी के घर तक आसानी से गूगल मैप डाटा के माध्यम से पहुंच जाएगी। शहर में 33 पुलिस थाने और एक साइबर पुलिस थाना है। जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच का चेन स्नैचर विरोधी दस्ता, वाहन चोरी विरोधी दस्ता और सेंधमारी विरोधी दस्ता द्वारा शातिर चोरों के बारे में डेटा एकत्रित कर उसे गूगल शीट पर अपलोड किया जा रहा है। संतरानगरी से ऐसे आरोपियों की संख्या दो हजार से अधिक बताई जा रही है।
नागपुर से हो रही है पहल : सूत्रों के अनुसार, शहर पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल के मार्गदर्शन में उपराजधानी में पहली बार वाहन चोरी, चेन स्नैचिंग और सेंधमारी के मामले में लिप्त आरोपियों के बारे में गूगल शीट तैयार की जा रही है। संभवत: राज्य में नागपुर से यह पहल हो रही है। समय के अनुसार गूगल शीट को अपडेट भी किया जाएगा। पुराने के अलावा नए चोरों का भी डेटा इसमें जुड़ता जाएगा।
नहीं भाग पाएंगे आरोपी : अभी तक किसी भी शहर में आरोपी को पकड़ने के लिए उस शहर की स्थानीय पुलिस की मदद लेनी पड़ती है। कई बार उस आरोपी के स्थानीय पुलिस से संबंध के चलते उसे पता चल जाता है कि उसकी तलाश में बाहर से पुलिस आई है और इस बात का फायदा उठाकर वह फरार हो जाता है। लेकिन अब ऐसा कतई नहीं होगा। गूगल मैप के माध्यम से पुलिस सीधा उसके घर पहुंच जाएगी।
ऐसे मिलेगी जानकारी : सूत्रों के अनुसार, गूगल शीट गूगल से लिंक होगी, जिसके एक्सेस के साथ ही पासवर्ड भी होगा, जो क्राइम ब्रांच की सभी टीमों और थानों के डीबी स्क्वॉड को दिया जाएगा। आनेवाले समय में यह डाटा राज्य के दूसरे शहरों की पुलिस के साथ शेयर किया जाएगा। पुलिस आयुक्त की पहल पर पहली बार इसे शुरू किया गया है। कई बार झोपड़पट्टी इलाके में जाने के बाद भी आस-पास के लोग संबंधित आरोपी का पता नहीं बताते हैं, तब तक आरोपी को भनक लग जाती है और वह भाग जाता है।