जमीन के पट्टे: गरीब को जब तक घर नहीं मिलेगा, वह गरीबी से बाहर नहीं आ सकेगा - फडणवीस
- अब तक 25 हजार गरीबों को बांटे जमीन के पट्टे
- कच्चे मकान को पक्का बनाने मिलेगा अनुदान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गरीब को जब तक घर व रहने के लिए जमीन का अधिकार नहीं मिलेगा, तब तक वह गरीबी से बाहर नहीं निकल पाएगा। हमने समाज के हर वर्ग के विकास के लिए प्रतिबद्ध रहकर विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बरकरार रखी है। जब मैं पहली बार 2014 में विधायक बना, तो तुकडोजी नगर, कामगार कॉलोनी में गरीबों के लिए जमीन के पट्टे दिए। अब तक लगभग 25 हजार गरीबों को जमीन के पट्टे दिए गए है। गजानन नगर स्थित समाज भवन में उपमुख्यमंत्री फडणवीस के हाथों 73 लाेगों को जमीन के पट्टे वितरित किए गए। इस दौरान मुन्ना यादव, उपजिलाधीश नजुल श्रीराम मूंदडा, तहसीलदार जीतेन्द्र शिकतोडे एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।
फडणवीस ने कहा कि हमने सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से 40 वर्षों से अधिक समय से रह रहे लोगों के लिए घर के मुद्दे को हल करने को प्राथमिकता दी। इसके साथ ही हमने निर्णय लिया कि जमीन का मुआवजा मूल मालिक को मिलना चाहिए। उन्हें जमीन के मुआवजे के लिए टीडीआर दिया गया था। ऐसी निजी भूमि को सार्वजनिक करके वहां रहनेवाले गरीब लोगों को जमीन के पट्टे बांटे। कुछ जमीनों को झुड़पी जंगल के नाम से दर्ज किया गया है। इस प्रविष्टि ने बड़ी कठिनाइयां पैदा कीं। इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट गए। वहां एक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया गया। कोर्ट कमिश्नर के संज्ञान में यह साक्ष्य लाया गया कि नागपुर में रेलवे स्टेशन से लेकर कई बड़े भवन स्थलों को झुडपी जंगल के रूप में दर्ज किया गया था। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए हम इसके बारे में सकारात्मक रिपोर्ट प्राप्त करने में सफल रहे। इन गलत प्रविष्टियों को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया गया है।
कच्चे मकान को पक्का बनाने मिलेगा अनुदान
उन्होंने कहा कि मालकी हक के पट्टे मिलने के बाद भी जिनके मकान कच्चे है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से अनुदान देकर पक्का बनाया जाएगा। सरकार ने कई लोक कल्याणकारी योजनाए चलाई और जनहित में निर्णय लिए है। महिलाओं को एसटी बस यात्रा में 50 फीसदी की छूट दी है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छुक लड़कियों के 507 पाठ्यक्रमों की शैक्षणिक फीस राज्य सरकार भरेगी। मुख्यमंत्री कार्य प्रशिक्षण योजना के तहत 10 लाख युवाओं को ट्यूशन फीस दी जा रही है।