संयुक्त युवा मोर्चा का बेरोजगारी के खिलाफ बड़े संघर्ष का ऐलान
- रोजगार के लिए देशव्यापी आंदोलन
- संयुक्त युवा मोर्चा का ऐलान
- बड़े संघर्ष की तैयारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. रोजगार के लिए देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने के उद्देश से गठित संयुक्त युवा मोर्चा को बेरोजगारी और अंधाधुंध निजीकरण के खिलाफ की लड़ाई में कर्मचारी संघ, जिसमें डॉक्टर, वकील, रेल कर्मी और बैंक कर्मी शामिल है का भी साथ मिल गया है। संयुक्त युवा मोर्चा ने ऐलान किया है कि वह रोजगार के लिए जल्द ही देशभर में साझा संघर्ष शुरू करेंगे।
करीब 113 समूहों के गठबंधन से बने संयुक्त युवा मोर्चा का शनिवार को यहां के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में पहला अधिवेशन हुआ। अपनी पहली बैठक में संयुक्त युवा मोर्चा के नेता अनुपम ने रोजगार के समाधान के तौर पर चार प्रमुख मांगों वाला एक प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव को भारत रोजगार संहिता यानी भरोसा नाम दिया गया। अनुपम ने अधिवेशन में कहा कि देश के युवाओं को सरकार से भरोसा चाहिए कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। इस दौरान उन्होंने भारत रोजगार संहिता जिसके लिए सामूहिक रूप से लड़ने की सभी से अपील की। अनुपम ने कहा कि देश आज गहरे संकट का सामना कर रहा है। इसके पर्याप्त आंकड़े और जमीनी प्रभाव की कहानियां मौजूद है। इस विभीषिका के लिए सत्ता की नीति और राजनीति जिम्मेदार है। न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था, बल्कि हमारा सामाजिक सौहार्द और लोकतंत्र भी आज निशाने पर है।
अधिवेशन में बैंक यूनियन के नेता देवीदास तुलजापुरकर, सीएच वेंकटचलम सहित चिकित्सक संघ से लेकर शिक्षक संघ के नेता शामिल हुए, जिन्होंने मोर्चा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कही। इस दौरान अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार रोजगार के प्रति बिलकुल गंभीर नहीं है। यह आंदोलन स्वंतत्र भारत का सबसे बड़ा आंदोलन होने वाला है।