पर्यटन: टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए शीघ्र आएंगे इलेक्ट्रिक वाहन, प्रदूषण होगा कम
- बैठक में विभागीय आयुक्त बिदरी ने दी जानकारी
- विदेशी पर्यटकों के लिए गाइडों को मिलेगा अंग्रेजी भाषा का प्रशिक्षण
- शोर-शराब कम होने से शांतिपूर्ण रहेगा माहौल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ताडोबा-अंधारी टाइगर प्रोजेक्ट के तहत पर्यटन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जाएगा और हर गेट पर इन वाहनों को अनुमति दी जाएगी। पर्यटन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। विभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी ने आज स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विशेष कौशल विकास प्रशिक्षण प्रारंभ करने के निर्देश दिए। ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत प्राकृतिक पर्यटन संबंधी नियमन करने तथा टाइगर रिजर्व एवं आसपास के क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाने के लिए िवभागीय आयुक्त बिदरी की अध्यक्षता में गठित स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक विभागीय आयुक्तालय में हुई। बैठक में जिलाधीश विनय गौड़ा, ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के उप निदेशक कुशाग्र पाठक, ताडोबा कोर के उप निदेशक नंदकिशोर काले, अतिरिक्त जिलाधीश श्रीकांत देशपांडे, मानदवन्यजीव वार्डन विवेक करंबलेकर, उपविभागीय अधिकारी शिवनंदा लंगड़ापुरे, मोहरली की सरपंच सुनीता कातकर, कोलारा की शोभाताई कोइचाले, निसर्ग पर्यटन मंडल के धनंजय बापट आदि उपस्थित थे।
पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है : ताडोबा-अंधारी परियोजना बाघों की सबसे बड़ी संख्या का स्थान है, इसलिए देश-विदेश से पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाएं तैयार करने के साथ-साथ वन्यजीवों और वनों की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। पर्यटकों के लिए निर्धारित कोर और बफर जोन में 150 से अधिक बाघ रहते हैं। इस क्षेत्र में पर्यटकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए गाइड, ड्राइवर एवं आतिथ्य उद्योग में रोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में लगभग 82 गांव हैं और 62 गांवों के परिवारों को विभिन्न रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं। विदेशी पर्यटकों के लिए गाइडों को अंग्रेजी भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इलेक्ट्रीक वाहन आ जाने से जहां पोल्यूशन रोकने में मदद मिलेगी वहीं कम शोर-शराबे से वन्यजीवों पर भी इसका साइड इफेक्ट नहीं पड़ेगा। हर दृष्टि से यह उत्तम होगा।
...तो कैसे बढ़ाई जाए पर्यटकों की भागीदारी : उन्होंने निर्देश दिए कि पर्यटन विकास योजना तैयार करें जिसमें पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित करते हुए पर्यटकों की भागीदारी कैसे बढ़ाई जाये इस पर विशेष बल दिया जाये, इसके लिये जिला योजना समिति के माध्यम से आवश्यक निधि उपलब्ध कराई जाएगी।