शिवसेना विधायकों की अयोग्यता का मामला: साल 2018 में शिवसेना की कार्यकारिणी की कोई बैठक नहीं हुई थी- राहुल शेवाले
- शिवसेना विधायकों की अयोग्यता की सुनवाई
- सुनवाई नागपुर में भी लगातार जारी
- शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले से उद्धव गुट के वकील अनिल साखरे के सवाल जवाब
डिजिटल डेस्क, नागपुर, सोमदत्त शर्मा। शिवसेना विधायकों की अयोग्यता की सुनवाई नागपुर में भी लगातार जारी है। शनिवार को शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले से उद्धव गुट के वकील अनिल साखरे ने सवाल जवाब किए। जिरह के दौरान शेवाले ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि 23 फरवरी 2018 को कार्यकारिणी की ऐसी कोई बैठक नहीं हुई थी जिसमें उद्धव ठाकरे को शिवसेना का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। कह सकते हैं कि राहुल शेवाले ने खुले तौर पर ठाकरे की शिवसेना अध्यक्ष पद पर हुई नियुक्ति को चुनौती दी है। सुनवाई में क्या-क्या सवाल जवाब हुए आइये आपको बताते हैं।
अनिल साखरे: आपके लिए 23 जनवरी का क्या महत्व है?
राहुल शेवाले: मैं 2000 से शिवसेना का सदस्य हूं। 23 जनवरी का दिन सभी शिवसैनिकों के लिए महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि उस दिन हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की जयंती मनाई जाती है।
साखरे: अगर आपको 27 फरवरी 2018 के पत्र के बारे में कुछ कहना है तो, कृपया मुझे बताएं?
शेवाले: मैं यह पत्र पहली बार देख रहा हूं। इसमें तथ्य झूठे हैं।
(27 फरवरी, 2018 का पत्र राहुल शेवाले को दिखाया गया। शेवाले ने कहा कि यह चुनाव आयोग की वेबसाइट से लिया गया प्रिंट आउट है। यह 23 फरवरी, 2018 को हुई शिवसेना की कार्यकारिणी का प्रस्ताव दिख रहा है। लेकिन यह प्रति 27 फरवरी 2018 को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई।)
साखरे: इस पत्र में कहा गया है, यह प्रस्ताव एक बैठक में लिया गया था?
शेवाले: इस दिन ऐसी कोई बैठक आयोजित नहीं की गई थी।
( दरअसल 25 जून 2022 को मैं शिवसेना भवन गया था। सेना भवन मेरे लोकसभा क्षेत्र में आता है। मैं हमेशा सेना भवन जाता था। उस दिन पार्टी में हुई टूट के बाद को लेकर सभी सांसदों की बैठक हुई। हम सभी सांसदों ने बैठक में फैसला किया कि उद्धव ठाकरे से एनडीए में शामिल होने का अनुरोध किया जाए। उसी दिन हमने ठाकरे से कहा कि साल 2019 में हमने एनडीए के साथी के तौर पर चुनाव लड़ा था। मतदाताओं ने युति को चुना था। हमने कहा कि शिवसेना ने पीएम मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था इसलिए हमें एनडीए में शामिल हो जाना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने हमारी बात सुनी और कहा कि मैं आपको बताऊंगा।
साखरे: इसके अलावा क्या 25 जून को कोई प्रस्ताव पारित किया गया था?
शेवाले: 25 तारीख को ऐसा कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया।
साखरे: शिवसेना का संविधान कब बना, क्या बाद में इसमें कोई बदलाव हुआ?
शेवाले: शिवसेना पार्टी का संविधान बालासाहेब ठाकरे ने तैयार किया था। तब से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
साखरे: 23 जनवरी 2018 की घटना के संबंध में कोई चर्चा हुई हो तो कृपया बताएं।
इस सवाल पर शिंदे गुट के वकील ने आपत्ति जताई।
साखरे: यह समय की बर्बादी है।
कामत: आप मराठी में प्रश्न पूछ रहे हैं।
साखरे : तो क्या हुआ? ये महाराष्ट्र है। आपको मराठी में सवाल पूछने पर आपत्ति क्यों है?
अध्यक्ष : मराठी में प्रश्न पूछने में कुछ भी गलत नहीं है। मैं आपके (कामत) लिए अंग्रेजी अनुवाद कर रहा हूं।
साखरे : क्या आपने जून 2014 और जून 2022 के बीच नेशनल असेंबली में भाग लिया?
शेवाले: इस अवधि के दौरान कोई सभा नहीं हुई और मुझे आमंत्रित भी नहीं किया गया।
साखरे: क्या 23 फरवरी 2018 को कोई बैठक हुई थी?
शेवाले : इस दिन न तो ऐसी कोई बैठक ही हुई और न ही मुझे बुलाया गया था।