पारदर्शिता: ऑनलाइन एग्जाम की खुल रही पोल, लर्निंग लाइसेंस की परीक्षा में 4 हजार वाहनधारक फेल
- वाहनधारकों को दलालों की मदद के बिना यह परीक्षा खुद देनी पड़ती है
- लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम
- पहले आसान थी प्रक्रिया, अब मुश्कििल
डिजिटल डेस्क, नागपुर । एक समय था, जब वाहनों का लर्निंग लाइसेंस बनाना आसान था, लेकिन ऑनलाइन परीक्षा होने से अब यह आसान नहीं रहा है। वाहनधारकों को दलालों की मदद के बिना यह परीक्षा खुद देनी होती है। जिसका परिणाम हर महीने बड़ी संख्या में वाहनधारक फेल हो रहे हैं। गत एक साल में 4004 हजार वाहनधारक पास नहीं हो सके। उन्हें फिर परीक्षा देनी पड़ रही है।
पहले घर बैठे मिल जाता था : वाहन को चलाने के लिए लाइसेंस जरूरी है। उम्र के 18 साल बाद वाहन का लाइसेंस आरटीओ कार्यालय से निकाला जाता है। इसके लिए पहले लर्निंग व इसके 3 महीने बाद स्थाई लाइसेंस बनाया जाता है। कुछ समय पहले तक ऑफलाइन प्रक्रिया रहने से लर्निंग लाइसेंस बनाना आसान था। दलालों से घर बैठे लर्निंग लाइसेंस प्राप्त कर लेते थे, ऐसे लोगों को लाइसेंस तो मिल जाता था, लेकिन यातायात के नियमों का जरा भी ज्ञान नहीं होता था, इससे दुर्घटनाओं को बढ़ावा मिलता था।
यातायात नियमों का ज्ञान नहीं : इन बातों को ध्यान में रखते हुए अब लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया गया है। वाहनधारकों को दिए गए समय में साइट पर जाकर कैमरे के सामने सारे सवालों का जवाब देना पड़ता है, लेकिन यातायात नियमों का ज्ञान नहीं होने के कारण ऐसे लोग पास नहीं हो पा रहे हैं। नागपुर शहर आरटीओ के जिम्मे 15 लाख से ज्यादा वाहनों का जिम्मा है, इसलिए यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लाइसेंस बनाने के लिए वाहनधारक आते हैं, लेकिन प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में फेल भी हो रहे हैं।
इस प्रकार रहा परिणाम : 1 जनवरी 2023 से 30 जून 2023 की बात करें, तो कुल 14,566 लोगों ने लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया, जिसमें से 2,394 वाहनधारक फेल हो गए। इसी तरह 1 जुलाई से 31 दिसंबर का आंकड़ा देखें, तो कुल 13,538 ने लर्निंग लाइसेंस लिए परीक्षा दी, जिसमें से 1610 वाहनधारक फेल हो गए। इस प्रकार पूरे सालभर में 4004 वाहनधारक पास नहीं हो सके हैं। जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि, लर्निंग परीक्षा पास करने के लिए वाहनधारकों को संघर्ष करना पड़ रहा है।