समारोह: विविधता में एकता के सूत्र में पिरोया है भारत

‘कला के माध्यम से भारतीय इतिहास-अतीत के रंग कला के संग’ की प्रस्तुति

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-29 06:54 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिस तरह संस्कृति, भाषा, कला व कई प्रकार की विविधता के बावजूद भारत वर्ष एक सूत्र में पिरोया नजर आता है, उसी प्रकार भवंस के विद्यार्थी भी विविधता में एकता का प्रतीक हैं। यही संदेश सांस्कृतिक उत्सव ‘कला के माध्यम से भारतीय इतिहास-अतीत के रंग कला के संग’ द्वारा प्रसारित करने का प्रयास किया गया है। इंफोसिस फाउंडेशन एवं भारतीय विद्या भवंस के संयुक्त तत्वावधान में शुरू 7 दिवसीय इस सांस्कृतिक उत्सव में छठवें दिन गुरुवार को ‘कैलिडोस्कोप ऑफ भारत’ कार्यक्रम अंतर्गत भवंस समूह के स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा विविध राज्यों की झलकियां प्रस्तुत की गईं।

पंरपरा का सुंदर चित्रण : भगवानदास पुरोहित विद्या मंदिर कोराडी द्वारा ‘सप्तसिंधु’ सिंधु घाटी की सभ्यता और उत्तर भारत में प्रकृति के उत्सव की झलकियां प्रस्तुत की गईं। भवंस सिविल लाइंस के विधार्थियों द्वारा कथक की उत्पत्ति व उसके विभिन्न रूप और उसमें होते बदलाव के साथ कथक नृत्य के जरिये महारास लीला, ठुमरी आदि पेश कर उपस्थितों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भवंस त्रिमूर्ति नगर द्वारा अरुणोदय भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों की संस्कृति व परंपरा का सुंदर चित्रण किया गया, जिसमें अहोम का युद्ध कौशल, संबलपुरी नृत्य, काली पूजा, दुर्गा पूजा आदि का समावेश था। भवंस आष्टी द्वारा गर्वी गुजरात के ढोलिड़ा नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया। भारतीय विद्या मंदिर चिंचभुवन द्वारा लोकरंग व लॉयड्स भवंस विद्या निकेतन वर्धा द्वारा महाराष्ट्र के सभी लोकरंग वासुदेव, जोगवा व छत्रपति शिवाजी महाराज की गाथा के साथ साथ माऊली-माऊली गीत का खूबसूरत प्रस्तुतिकरण किया गया।

Tags:    

Similar News