Nagpur News: निर्दलीय और छोटे दल के उम्मीदवारों को जमानत राशि बचाने की चुनौती

  • 2019 में विदर्भ में जीते थे 8 उम्मीदवार
  • अधिकतर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन के साथ दी गई जमानत राशि भी नहीं बचा पाते हैं
  • कुल वैध मतदान में से 16.67 प्रतिशत मत नहीं मिलने पर उसकी जमानत जब्त हो जाती है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-05 11:11 GMT

Nagpur News : विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तय हो गए हैं। पहले के समान इस बार भी चुनाव मैदान में निर्दलीय व छोटे दल के उम्मीदवारों की कमी नहीं है। नागपुर जिले में निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। लेकिन पिछले चुनावों के परिणाम देखें तो अधिकतर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन के साथ दी गई जमानत राशि भी नहीं बचा पाते हैं। इस बार भी लगभग वैसी ही स्थिति है। कई उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि बचाना ही बड़ी चुनौती है। विधानसभा चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि 10 हजार रुपये व अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजार्त वर्ग के उम्मीदवार क लिए 5 हजार रुपये जमानत राशि निर्धारित है। रोचक बात है कि अगर कोई उम्मीदवार जीत भी जाए लेकिन कुल उम्मीदवारों को मिले वैध मतों की तुलना में जीते उम्मीदवार को मिले मत 16 प्रतिशत से कम हो तो जीते उम्मीदवार की भी जमानत जब्त मानी जाती है। उम्मीदवार को कुल वैध मतदान में से 16.67 प्रतिशत मत नहीं मिलने पर उसकी जमानत जब्त हो जाती है। उम्मीदवार का नामांकन फार्म अवैध ठहराकर अस्वीकृत किया गया हो तो जमानत राशि वापस मिल जाती है। निश्चित कालावधि में नामांकन वापस ले तो उम्मीदवार को जमानत राशि लौटा दी जाती है। मतदान के पहले उम्मीदवार की मृत्यु हो जाए तो उनके प्रतिनिधि को जमानत राशि वापस दी जाती है।


2019 में विदर्भ में जीते थे 8 उम्मीदवार

2019 में विदर्भ में निर्दलीय व छोटे दलों के 8 उम्मीदवार जीते थे। रामटेक, भंडारा में शिवसेना के बागी व गोंदिया में भाजपा के बागी ने चुनाव जीता था। चंद्रपुर में भी निर्दलीय ने भाजपा के दो बार विधायक रहे उम्मीदवार को पछाड़ दिया था। बच्चू कड़ू, रवि राणा छोटे संगठनों के माध्यम से निर्दलीय के तौर पर ही चुनाव जीतते रहे हैं। नागपुर जिले में ही देखें तो इस बार निर्दलीयों ने प्रभाव दिखाने का दावा किया है। पूर्व मंत्री, पूर्व नगरसेवक, व्यवसायी, उद्यमी बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं।

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