Nagpur News: लोकसभा के नतीजों को दोहराने कांग्रेस का विदर्भ प्लान, उपराजधानी से शुरू होगा प्रचार
- महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में लोकसभा चुनाव-2024 के दौरान बड़ी राजनीतिक ताकत दिखी थी
- एमवीए ने क्षेत्र के 62 विधानसभा क्षेत्रों में से 42 में बढ़त हासिल की थी
Nagpur News : अजय त्रिपाठी | कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शरद) की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) ने महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में लोकसभा चुनाव-2024 के दौरान बड़ी राजनीतिक ताकत दिखाई थी।लोकसभा चुनाव में एमवीए ने क्षेत्र के 62 विधानसभा क्षेत्रों में से 42 में बढ़त हासिल की थी। उसने विदर्भ की 10 में से 7 लोकसभा सीटें जीत ली थी, जिसमें अकेले 5 सीटें कांग्रेस के खाते में गई। यही वजह है कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एक बार फिर ‘विदर्भ प्लान' तैयार किया है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी 6 नवंबर को विदर्भ क्षेत्र के प्रमुख केंद्र नागपुर में ‘संविधान सम्मान सम्मेलन' में शिरकत करके पार्टी के प्रचार अभियान का श्रीगणेश करने जा रहे है।
भाजपा के खिलाफ गया था संविधान बदलने का मुद्दा
राजनीतिक जानकार बताते है कि महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में डीएमके (दलित, मुस्लिम और कुनबी) फैक्टर चुनावी नतीजों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। ‘संविधान बदलने' के नैरेटिव के कारण दलित और मुस्लिम लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के खिलाफ चले गए थे। मराठा आरक्षण भी एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिसने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया। विदर्भ में इसका सबसे बड़ा फायदा कांग्रेस को मिला था। अब कांग्रेस एक बार विदर्भ में 'संविधान सम्मान सम्मेलन' के बहाने अपने चुनाव प्रचार अभियान को पैनापन देने की कोशिश में है। 6 नवंबर को नागपुर में हो रहे इस कार्यक्रम में कांग्रेस के स्टार प्रचारक और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल होंगे। पार्टी के भीतर इसे 'विदर्भ प्लान' कहा जा रहा है।
लोकसभा चुनाव 2024: विदर्भ
गठबंधन विधानसभा- सीटें- बढ़त -जीत
महाविकास आघाड़ी - 62- 42 -7 (कांग्रेस 5)
महायुति गठबंधन - 62- 20 -3
दरअसल, इसी साल हुए लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी के शरद पवार गुट से मिलकर बने एमवीए ने विदर्भ में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी (शिंदे) वाले महायुति गठबंधन से बेहतर प्रदर्शन किया था। महायुति गठबंधन विदर्भ की विधानसभा की 62 सीटों में से केवल 20 निर्वाचन क्षेत्रों में ही बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा। महायुति को यहां की 10 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 3 पर जीत हासिल हुई, जिसमें एक सीट केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भी शामिल है। कुल 2 सीटें बीजेपी और एक सीट शिवसेना (शिंदे) को मिली थी। अगर पूरे महाराष्ट्र की बात की जाए तो, लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को सबसे अधिक 13 सीटों पर जीत मिली थी। दूसरे नंबर पर भाजपा रही। उसे सिर्फ 9 सीटों पर संतोष करना पड़ा। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) ने नौ सीटों पर कब्जा जमाया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना को सात सीटों पर जीत मिली थी। आठ सीटों पर राकांपा (शरद) के उम्मीदवार विजयी हुये।
अगर पिछले दो विधानसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में भाजपा को सबसे अधिक 122 सीटों पर जीत मिली थी। शिवसेना 63, कांग्रेस 42 और एनसीपी ने 41 सीटों पर कब्जा जमाया था। 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा का आंकड़ा घट गया। पार्टी को 105 सीटों पर ही जीत मिली। शिवसेना को 56 सीटों पर सफलता मिली। एनसीपी 54 और कांग्रेस 44 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।