अव्यवस्था: स्टेशन पर पार्सल व्यवस्था ठप, व्यापारी प्रतिनिधियों ने किया 5 रु. में स्कैनिंग का विरोध

  • रेलवे ने मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया
  • बड़ी तादाद में पार्सल का आवागमन बंद
  • व्यवस्था सुचारू होने की नहीं कोई जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-19 08:01 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर रेलवे स्टेशन की पार्सल व्यवस्था गुरुवार को दिनभर ठप रही। व्यापार प्रतिनिधियों ने 5 रुपए में स्कैनिंग का विरोध किया। हालांकि, रेलवे की ओर से इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिसके चलते यह व्यवस्था कितने दिन ठप रहेगी, कहना मुश्किल है। बता दें कि, एक-दो पार्सल भेजने वाले पहले की तरह ही काम कर रहे हैं। बड़ी तादाद में पार्सल का आवागमन बंद किया गया है।

प्रतिदिन 50-60 टन माल भेजा जाता है : नागपुर रेलवे स्टेशन बड़े स्टेशनों में शामिल है। यहां एक 100 से ज्यादा एक्सप्रेस गाड़ियों में हजारों की संख्या में यात्रियों का प्रतिदिन आना-जाना लगा रहता है। प्लेटफार्म नं.-8 पर पार्सल कार्यालय है, जहां से विभिन्न दिशाओं में पार्सल भेजे जाते हैं। वही अन्य दिशाओं से आने वाले पार्सल को शहर में भेजा जाता है। आंकड़े की बात करें, तो प्रतिदिन बल्क में 50 से 60 टन माल भेजा जाता है। जिसमें फल, मछली आदि रहती है। कुछ समय पहले तक इन पार्सलों की जांच किए बिना भेज दिया जाता था।

प्रतिनिधियों का कहना है, जब पार्सल का पैसा देते हैं, तो 5 रु. क्यों : इसके चलते कोई भी संदिग्ध वस्तु पार्सल से बाहर भेजने की आशंका थी। ऐसे में रेलवे ने हाल ही में यहां पार्सल मशीन लगाई है। इस मशीन से पार्सल को स्कैन किया जाता है, जो सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा है, लेकिन इस मशीन का व्यापारी प्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि, स्कैन करने के लिए रेलवे की ओर से 5 रुपए प्रति पार्सल लिया जा रहा है, जो गलत है, क्योंकि पार्सल का पैसा वैसे ही दिया जाता है, ऐसे में निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए प्रति पार्सल 5 रुपया देने से कई टन माल भेजने वालों के लिए मुश्किल पैदा हो रही है। बुधवार को विरोध को देखते हुए गुरुवार को दिनभर व्यापार प्रतिनिधियों ने काम ठप रखा। हालांकि, अभी तक रेलवे की ओर से इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में आने वाले कितने दिन पार्सल सेवा बंद रहेगी, यह कहना कठिन है।

कहां-कहां भेजे जाते हैं पार्सल : नागपुर स्टेशन पर पार्सल कार्यालय से प्रतिदिन 50 टन से ज्यादा पार्सल भेजे जाते हैं। जिसमें ज्यादातर पार्सल शालीमार, कुर्ला, दिल्ली, जबलपुर, बंगलुरु, बिलासपुर, विजयवाड़ा, चैन्नई, इरोड़, राउरकेला, टाटा, खड़कपुर आदि जगहों पर विभिन्न ट्रेनों से पार्सल भेजे जाते हैं, जिससे रेलवे को प्रतिदिन लाखों रुपए का राजस्व भी मिलता है, लेकिन यह सेवा ठप करने से रेलवे को नुकसान सहना पड़ेगा। 

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