निर्णय: विदर्भ में 65 लाख प्री-पेड मीटर लगाने का लक्ष्य

बिजली चोरी, तकनीकी हानि व अन्य हानि रोकने के प्रयास

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-14 09:49 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार ने बिजली के प्री-पेड मीटर लगाने का निर्णय लिया है। इसके तहत नागपुर समेत विदर्भ में 65 लाख प्री-पेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। नागपुर विभाग में प्री-पेड मीटर लगाने का काम यूके (यूनाइटेड किंगडम) की कंपनी मॉंटी कारलो को मिला है, जबकि अमरावती विभाग का काम स्वीडन की जिनस कंपनी को मिला है। प्री-पेड मीटर लगने के बाद पहले रिचार्ज करना पड़ेगा, उसके बाद बिजली आपूर्ति हो सकेगी।

होने लगा विरोध : महावितरण में बिजली चोरी, तकनीकी हानि व अन्य हानि रोकने के लिए सरकार ने प्री-पेड मीटर लगाने का निर्णय लिया है। टेंडरिंग का काम पूरा हो चुका है। अमरावती विभाग के 5 जिलों में प्री-पेड मीटर लगाने का काम स्वीडन की जिनस कंपनी को मिला है। शीत सत्र के बाद यहां इस पर काम शुरू करने की योजना है, लेकिन प्री-पेड मीटर का िवरोध भी शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी प्री-पेड मीटर का खुलकर विरोध कर रही है। इससे राजनीतिक विवाद खड़ा होने की संभावना बढ़ गई है।

आसानी से चोरी पता चलेगी : इसी तरह नागपुर विभाग के अंतर्गत आने वाले नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, गड़चिरोली, भंडारा व गोंदिया जिले में प्री-पेड मीटर लगाने का काम मॉंटी कारलो कंपनी को मिला है। नागपुर में नए साल से यह काम शुरू हो सकता है। घर के अलावा, दुकानों, उद्योगों व ट्रांसफार्मरों में भी प्री-पेड मीटर लगेंगे। ट्रांसफार्मर में जो मीटर लगा रहेगा, उससे यह पता चलेगा कि संबंधित एरिया की बिजली खपत कितनी है। बिजली चोरी का आसानी से पता चल सकेगा। इसी तरह पहले रिचार्ज करना पड़ेगा आैर उसके बाद ही रोशनी मिल सकेगी। रिचार्ज पैक खत्म होते ही घर में अंधेरा छा जाएगा। तुरंत रिचार्ज करना पड़ेगा। फिलहाल हर उपभोक्ता को बिल भुगतान के लिए 40 दिन का समय मिलता है।

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