संज्ञान: सड़क पर बाधाओं व गड्ढों की समस्याओं पर कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी को लगाई फटकार

  • कहा- पीडब्ल्यूडी केवल कागजी घोड़े न दौड़ाएं, काम करें
  • विदर्भ के बदहाल महामार्गों जनहित याचिका दायर
  • मामले पर कोर्ट गंभीर, दिए सख्त निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-31 07:17 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर-अमरावती, नागपुर-भंडारा और नागपुर-उमरेड मार्ग पर हाईवे और फ्लाईओवर से सटे सर्विस रोड पर यातायात में वाहन चालकों को होने वाली परेशानी पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने संज्ञान लिया है। इस मामले में  हुई सुनवाई में कोर्ट ने शहर में विकासकार्यों और उसके चलते यातायात में हो रही समस्या को लेकर पीडब्ल्यूडी को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने भोले पेट्रोल पंप से वाड़ी चौक के बीच यातायात समस्या सोमवार तक दूर करने का आदेश दिया है। साथ ही यह यह भी स्पष्ट किया कि, विकास कार्यों को हमारा विरोध नहीं है, लेकिन इसकी वहज से नागरिकाें को हो रही असुविधा कम होनी चाहिए।

यह है मामला : नागपुर खंडपीठ में एड. अरुण पाटील ने जनहित याचिका दायर कर विदर्भ के बदहाल महामार्गों का मुद्दा उठाया है। सर्विस रोड हाईवे के समानांतर चलती है, जिससे स्थानीय यातायात में सुविधा होती है, लेकिन इस सर्विस रोड पर संकरी सड़क, अतिक्रमण और पार्किंग जैसी कई बाधाओं का सामना वाहन चालकों को करना पड़ रहा है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इस याचिका का दायरा बढ़ाते हुए इसमें सर्विस रोड भी शामिल करने का आदेश दिया है। इसमें नागपुर से अमरावती, नागपुर से भंडारा और नागपुर से उमरेड राजमार्ग के सर्विस रोड शामिल हैं। साथ ही शहर के सर्विस रोड को भी इसमें शामिल किया गया है।

कार्यकारी अभियंता कोर्ट में रहे मौजूद : मंगलवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता कोर्ट में उपस्थित थे। कोर्ट एनएचआई और पीडब्ल्यूडी विभाग से पूछा कि, विकासकार्यों के कारण यातायात समस्या निर्माण करने वाले ठेकेदारों पर अब तक क्या कार्रवाई की गई? अमरावती रोड, ताजबाग से दिघोरी, फेटरी और कलमेश्वर आदि सभी मार्गों की स्थिति क्या है? लेकिन एनएचआई और पीडब्ल्यूडी ने इस पर संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने फटकार लगाई। साथ ही पीडीब्ल्यूडी द्वारा अब तक शपथपत्र दायर नहीं करने पर नाराजगी जताई।

अगली सुनवाई 5 फरवरी को : विकासकार्यों को लेकर आ रही यातायात समस्या पर कोर्ट ने मौखिक आदेश में पीडब्ल्यूडी से कहा कि, यह आदेश फलां तारीख को पारित किया गया था और फलां तारीख को यह आदेश दिया गया था, ऐसे कागजी घोड़े न दौड़ाएं, काम करें और सड़कों पर बाधाओं और गड्ढों की समस्या को तुरंत दूर करें। सुनवाई के दौरान पीडब्ल्यूडी ने ऐसे कुछ फोटो पेश किए, जिसमें यातायात समस्या दूर होने की तस्वीर नजर आ रही थी, यह बात कोर्ट ने ध्यान आने पर कोर्ट ने कड़े शब्दों में नाराजगी जताई। मामले में अगली सुनवाई सोमवार, 5 फरवरी रखी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा और एनएचएआई की ओर से एड. अनिश कठाने ने पैरवी की।

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