गैंग रेप: नाबालिग लड़की से गैंगरेप करने वाले 7 दुराचारियों को मृत्यु तक कारावास
- आश्रम की खोज में घूम रही थी सड़क पर
- सुधार गृह से भागकर दुष्कमिर्यों के चंगुल में फंसी
- सत्र न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला
डिजिटल डेस्क, नागपुर । सत्र न्यायालय ने नाबालिग लड़की से बलात्कार करने वाले दुष्कर्मी 7 आरोपियों को दोषी करार देते हुए मृत्यु तक कारावास और प्रत्येक को 18 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि आरोपियों से वसूली गई जुर्माने की रकम पीड़िता को दी जाए। सुधार गृह से भागी इस निराश्रित 16 वर्षीय पीड़िता को भोजन का लालच देकर दो बार बलात्कार करने के आरोप में सात लोगों को दोषी करार देते हुए न्या. आर. पी. पांडे ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। आरोपियों के नाम अतुल नरेश जनबंधू, फिरोज जमील अहमद, स्वप्निल देवानंद जवादे, मयूर रमेश बारसागड़े, कृष्णा हरिदास डोंगरे, जीतू रमेश मंगलानी और सचिन गोविंदराव बावने हैं। इसी मामले के अन्य आरोपी प्रलय चंदू मेश्राम, सोमिल अशोक नरखेडकर, सुरेश दामोदर बारसागड़े और मनोहर अडकू साखरे को पुख्ता सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है।
यह है मामला : बलात्कार की यह घटना 21 अप्रैल 2021 को हुई थी। इस दिन सुबह 7 बजे काटोल मार्ग स्थित बालिका सुधार गृह से चार लड़कियां भाग गईं। इन्हीं में से एक 16 साल की लड़की सीताबर्डी आई थी। वह श्रद्धानंद अनाथालय जाना चाहती थी, लेकिन उसे पता नहीं मालूम था। अनाथालय का नाम भी याद नहीं आ रहा था, इसलिए वह सीताबर्डी इलाके में घूम रही थी। शाम के समय ऑटो चालक कृष्णा उससे मिला। उसने उसे समोसा दिया और सीताबर्डी थाने के सामने छोड़ दिया। रात करीब 9 बजे अन्य आरोपी वहां आए। उन्होंने उसे खाने का लालच दिया। वे उसे ऑटो में बिठाकर सुगतनगर इलाके में ले गए। चारों उसे वहां एक निर्माणाधीन अपार्टमेंट के एक कमरे में ले गए। वहां उन्होंने खाने के लिए बिरयानी दी। बाद में चार लोगों ने सुबह 4 बजे तक उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
अगले दिन भी किया दुष्कर्म : दुष्कर्मी चारों ने उसे नए कपड़े दिए और सुबह करीब 4 बजे सीताबर्डी पुलिस स्टेशन के सामने वेरायटी चौक पर वापस छोड़ दिया। फिर अगले दिन बाकी तीन दुष्कर्मी उसे जबरन अपने साथ ले गए। बाद में खामला क्षेत्र में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
ट्रैफिक पुलिस के कारण हुआ खुलासा : आरोपियों ने पीड़ित लड़की को वापस वेरायटी चौक पर छोड़ दिया। जब वह अकेली घूम रही थी, तो ट्रैफिक पुलिस को शक हुआ। वह उसे सीताबर्डी थाने ले गये। पुलिस ने उससे पूछताछ की, फिर उसने सुधारगृह से भागने और सामूहिक बलात्कार की घटना बताई। उसने यह भी कहा कि एक आरोपी की वेरायटी चौक पर चप्पल की दुकान है। इसके बाद पुलिस ने एक-एक कर सभी को गिरफ्तार कर लिया।
कुल 11 में 7 आरोपी दोषी : इस मामले में शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और जांच के बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। सरकारी पक्ष ने कुल 24 गवाहों से पूछताछ की। इस मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें, सबूतों और गवाहों को ध्यान में लेते हुए कुल 11 में से 7 आरोपियों को दोषी करार दिया। राज्य सरकार की ओर से एड. माधुरी मोटघरे ने पैरवी की।