विदर्भ: स्टार्टअप्स को निवेशकों से मिलेगी 25 लाख की मदद, देश के 20% स्टार्टअप्स
- केवल अनुसंधान महत्वपूर्ण नहीं है तकनीकी ज्ञान जरूरी : गडकरी
- राज्य में देश के 20% स्टार्टअप्स
- निवेशकों से मिलेगी 25 लाख की मदद
डिजिटल डेस्क, नागपुर. स्टार्टअप को निवेशकों द्वारा 25 लाख की मदद की जाएगी। इसके अलावा स्टार्टअप्स के लिए जरुरी मार्गदर्शन किया जाएगा। देश भर के 25 निवेशकों ने एडवांटेज विदर्भ में इस बारे में सामंजस्य करार किया है। इसमें नागपुर समेत अमरावती के निवेशकों को समावेश है। इसके अलावा देश के कुछ सीड फंडस् ने भी स्टार्टअप्स को मदद करने के लिए करार किया है। उच्च शिक्षा व राष्ट्र की प्रगति विषय पर आयोजित चर्चासत्र के दौरान करार किए गए। स्टार्ट अप का संयोजन शशिकांत चौधरी ने इस बारे में विस्तार से बताया। सत्र के दौरान अणुशास्त्रज्ञ डॉ. अनिल काकोडकर का सत्कार किया गया। इस अवसर पर विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी, तकनीकी शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. विनोद मोहितकर, वीएनआईटी के संचालक डॉ. प्रमोद पडोले आदि उपस्थित थे।
केवल अनुसंधान महत्वपूर्ण नहीं है तकनीकी ज्ञान जरूरी : गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि केवल अनुसंधान महत्वपूर्ण नहीं है, इसके साथ तकनीकी ज्ञान, मार्केटिबिलिटी व गुणवत्तापूर्ण उत्पादनाें की आवश्यकता होती है। विदर्भ में उपलब्ध कच्चे माल से हम क्या तैयार कर सकते हैं, इस पर विचार होना जरूरी है।
राज्य में देश के 20% स्टार्टअप्स
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की स्टार्टअप इकोसिस्टम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश की तुलना में राज्य में 20 फीसदी स्टार्टअप्स है। पहले स्टार्टअप्स मेट्रो सिटी में होते थे, लेकिन अब टू व थ्री टीयर शहरों में भी स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल माहौल तैयार है। उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए सरकार के प्रयासों की जानकारी दी।
क्या है स्टार्टअप इंडिया
स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों। स्टार्टअप एक इकाई है, जो भारत में पांच साल से अधिक से पंजीकृत नहीं है और जिसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।
यह एक इकाई है जो प्रौद्योगिकी या बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित नये उत्पादों या सेवाओं के नवाचार, विकास, प्रविस्तारण या व्यवसायीकरण की दिशा में काम करती है। सरकार द्वारा इस संबंध में घोषित कार्य योजना स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के सभी पहलुओं को संबोधित करने और इस आंदोलन के प्रसार में तेजी लाने की उम्मीद करती है।