नागपुर: 1 करोड़ 6 लाख का घपला, स्थायी समिति की बैठक में मचा बवाल, जांच के आदेश

  • जिप महिला और बाल विकास विभाग ने कागजों पर ही आंगनवाड़ी का श्रेणीवर्धन कर दिया
  • समिति को अंधेरे में रखकर निधि की बंदरबांट
  • पोल खुलने के डर से सामग्री पहुंचाने हड़बड़ी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-25 11:20 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद के महिला व बाल विकास विभाग में आर्थिक धांधली का बड़ा खुलासा हुआ है। आंगनवाड़ियों का कागजों पर श्रेणीवर्धन कर 1 करोड़, 6 लाख रुपए का खेला हो जाने की पोल खुली। उपाध्यक्ष कुंदा राऊत ने प्रश्न उपस्थित कर विभाग को कटघरे में खड़ा किया। अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे ने सीईओ को जांच के आदेश देकर सात दिन में रिपोर्ट तलब की है।

पोल खुलने के डर से सामग्री पहुंचाने हड़बड़ी

जिले की 49 आंगनवाड़ियों का श्रेणीवर्धन और देखभाल दुरुस्ती पर खर्च दिखाकर निधि हड़प ली गई। पदाधिकारियों को भनक लगने पर पोल खुलने के डर से बुधवार को हड़बड़ी में कुछ आंगनवाड़ियों में श्रेणीवर्धन सामग्री पहुंचाए जाने की सूत्रों से जानकारी मिली है।

प्रति आंगनवाड़ी 2 लाख 3 हजार मिले

जानकारी के अनुसार राज्य के 18 जिलों में आंगनवाड़ियों का श्रेणीवर्धन के लिए 30 करोड़, 97 लाख, 73 हजार रुपए मंजूर किए गए। उसमें से नागपुर जिले को 1 करोड़, 6 लाख रुपए दिए गए। प्रति आंगनवाड़ी को श्रेणीवर्धन के लिए 2 लाख और देखभाल दुरुस्ती के लिए 3 हजार रुपए कुल मिलाकर 1 करोड़, 6 लाख रुपए जिप के महिला व बाल विकास विभाग को प्राप्त हुए।

समिति को अंधेरे में रखकर निधि की बंदरबांट

तत्कालीन महिला व बाल विकास अधिकारी दामोदर कुंभरे ने 15 िदसंबर 2023 को महिला व बाल विकास विभाग आयुक्त के पास आंगनवाड़ियों के श्रेणीवर्धन व देखभाल दुरुस्ती का प्रस्ताव भेजा था। उसे मंजूरी देकर निधि उपलब्ध कराई गई। विभाग ने अपनी मर्जी से आंगनवाड़ियों का चयन किया। पदाधिकारियों को कानों-कान खबर नहीं चलने दी गई। समिति को अंधेरे में रखकर निधि की बंदरबांट लगाए जाने का स्थायी समिति की बैठक में आरोप लगाया गया।



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