Nagpur News: सरसंघचालक भागवत ने समाज में टकराव को बताया चुनौती, आड़ में चला रहे एजेंडा

  • पर्यायी राजनीति की आड़ में अपना एजेंडा चलाने का आरोप
  • सरसंघचालक भागवत ने समाज में टकराव को बताया चुनौती
  • आंबेडकर ने भी किया था सचेत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-13 12:44 GMT

Nagpur News : रघुनाथसिंह लोधी। विजयादशमी उत्सव के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी दिशा व दशा व्यक्त करता है। शनिवार को संघ ने शताब्दी वर्ष में प्रवेश किया। रेशमबाग मैदान में संघ के मुख्य विजयादशमी उत्सव में सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत का संबोधन सामाजिक टकराव के विषय पर केंद्रित रहा। समाज भेद को देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती ठहराते हुए उन्होंने न केवल भारत विरोधियों से सचेत रहने का आवाहन किया बल्कि राजनीति और राजनीतिक दलों की नीति, रणनीति को भी समझने को कहा। सरसंघचालक ने कहा-स्वार्थ के कारण कुछ दलों के लिए समाज एकता गौण है। पर्यायी राजनीति की आड़ में अपना एजेंडा चला रहे हैं। इन प्रयासों को रोकने के लिए कानून के दायरे में रहते हुए काम करना होगा। योजना बनानी होगी। संघ की रणनीति व्यक्त करते हुए कहा-अभी संघ शताब्दी वर्ष को लेकर नियोजित कार्य करेगा। लेकिन इन कार्यों के बाद समाज विरोधियों को रोकने के लिए संघ कार्य करेगा। समाज में उपद्रव का उल्लेख करते हुए सरसंघचालक ने कहा-कानून सभी को खुश नहीं कर सकता है। संविधान के अनुशासन का पालन होना चाहिए। संयम रखे। किसी धर्म, धर्मग्रंथ का अपमान न करें। कोई अपमान कर भी दें तो संयम ही रहे। लेकिन दुर्बल न रहे। शेर या हाथी की बलि नहीं ली जाती है। बकरे की बलि ली जाती है। सब जानते हैं कि वह कुछ नहीं कर सकता है। द्रोपदी को हाथ लगा तो महाभारत हुआ। सीता के लिए रामायण हुई। किसी को भड़काने या हिंसा करने के लिए नहीं कह रहूं पर यह अवश्य है कि उपद्रवियों का विरोध संगठित होकर करना होगा।

आंबेडकर ने भी किया था सचेत

सरसंघचालक डा.भागवत ने कहा- बाबासाहब आंबेडकर ने संविधान सभा के दूसरे भाषण में साफ कहा था कि समाज में भेद और टकराव कराने के प्रयास हाेते रहते हैं। इन प्रयासों को उन्होंने अराजकता कहा था। साथ ही आवाहन किया था कि अराजकता को रोकने के लिए समाज को तैयार रहना होगा। देश मजबूत हो रहा है। लेकिन समाज में संघर्ष की स्थिति भी कम नहीं हो रही है। जाति, भाषा, प्रदेश के आधार पर अलग संघर्ष निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है। पंजाब, जम्मू कश्मीर, केरल, तमिलनाडू व बिहार से लेकर मणिपुर तक संपूर्ण पूर्वांचल अस्वस्थ्य है। जाति के आधार पर हिंसाचार व समाज के एक वर्ग पर हमला करने का प्रयास किया जा रहा है। जाति वर्ग के मुुखिया से आवाहन है कि वे खंड, ब्लाक स्तर पर एकत्रित आएं। जाति उत्त्थान के लिए देश विदेश की जानकारी दें। साथ ही यह कहें कि हम सब मिलकर उस खंड की समस्या को दूर करेंगे। दुर्बल जाति के बारे में क्या कर सकते हैं, उस संबंध में विचार करें।

क्षणचित्र

- बारिश के कारण पथ संचलन कार्यक्रम प्रभावित हुआ। दो स्थान से पथ संचलन होनेवाला था। लेकिन एक स्थान से ही हो पाया।

-रेशमबाग मैदान में कीचड़ में भी संघ कार्यकर्ताओं ने शस्त्र कौशल्य का प्रदर्शन किया। आरंभ में उन्हें कुछ समय तक खड़े रहना पड़ा। एक कार्यकर्ता असहज होकर बैठ गया। मुख्य अतिथि के.राधाकृष्णन के बाद कार्यकर्ताओं को कीचड़ में ही बैठने को कहा गया।

- अतिथि दीर्घा में राष्ट्रसेविका समिति की प्रमुख शांताक्का, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पूर्व राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित भी थे। मंच से अन्य अतिथियों का नाम लिया गया लेकिन इनके नाम का उल्लेख नहीं किया गया।

- मुख्य अतिथि के.राधाकृष्णन ने अंग्रेजी में संबोधित किया। उन्होंने समाज विकास के लिए तकनीकी के अधिक इस्तेमाल का आवाहन किया।

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