आयोजन: जो अहिंसा का पक्षधर, वही ‘बाहुबली’ : देवदत्त पटनायक

हिंसा से किसी भी विवाद को खत्म नहीं किया जा सकता, समस्या अथवा विवाद का हल संवाद है

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-25 10:22 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सनातन से तात्पर्य जिसका अंत नहीं होता बौद्धिज्म, जैनिज्म और हिंदुज्म में यह विचार आया है। भारत देश का यही विचार, जीवन सनातन है और हम कई-कई बार जीते हैं, जबकि मिडल ईस्ट जजमेंट-डे पर विश्वास करते हैं। अर्थात जीवन केवल एक बार मिलता है। सनातन धर्म में कर्म का फल भुगतने के लिए कई-कई बार जन्म लेना पड़ता है। जैन धर्म में प्रलय का कॉन्सेप्ट ही नहीं है। जैन धर्म में उतसर्पिणी अर्थात बुरा वक्त व अवसर्पिणी अर्थात अच्छा वक्त की अवधारणा है। हम अहिंसा के पक्षधर हैं। हिंसा से किसी भी विवाद को खत्म नहीं किया जा सकता, समस्या अथवा विवाद का हल संवाद है, अहिंसा है। न राग, न द्व्रेष, न गुस्सा, यह सनातन विचार है। जो अहिंसा का पक्षधर होगा वही बाहुबली होगा जैन धर्म के आराध्य बाहुबली में अहंकार, राग, द्वेष और क्रोध पर विजय प्राप्त कर यह सिद्ध किया। वस्तुत: ऐसे कई उद्धरण हैं जो आम लोगों तक नहीं पहुंचे। कहानी सशक्त माध्यम है जिसके जरिए वास्तविकता को समझा जा सकता है। उक्ताशय के विचार प्रख्यात मायथोलॉजिस्ट देवदत्त पटनायक ने व्यक्त किए। वे ऑरेंज सिटी लिटरेचर फेस्टिवल के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।

साहित्य का सृजन जरूरी : वाक्पटु लेखक सिद्धार्थ काक ने अपने उद्बोधन में साहित्य सृजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बुद्ध्रि के विकास और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए साहित्य का सृजन होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन पर सुरभि कार्यक्रम से दर्शकों व हमें भी बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने ‘ऑरेंज सिटी लिटरेचर फेस्टिवल’ की प्रशंसा करते हुए इसे प्रभावशाली बताया। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘द सागा ऑफ कश्मीर्स लास्ट प्राइम मिनिस्टर पंडित रामचंद्रा काक एंड हिज इंग्लिश वाइफ’ पर चर्चा की। मुंबई विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति डॉ. राजन वेलुकर ने दूरदर्शन के पुराने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रेरणादायी परिपूर्ण और व्यवसायिक बताया। 

उद्देश्य को परिभाषित किया : चित्रकार व पौराणिक कथाकार देवदत्त पटनायक ने अपनी नई पुस्तक ‘बाहुबलीः 63 इनसाइट्स इनटू जैनिजम’ के उद्देश्य को परिभाषित किया। राधाकृष्णन पिल्लई ने समाज में साहित्य उत्सव की भूमिका पर विचार रखे। उनकी पुस्तक ‘‘चाणक्य के 100 सर्वश्रेष्ठ सूत्र’’ का लोकार्पण उपस्थित अतिथियों के हाथों किया गया। 26 नवंबर तक चलनेवाले ऑरेंज सिटी लिटरेचर फेस्टिवल में कई विषयों पर सत्र, चर्चाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कला प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। यह साहित्य उत्सव बौद्धिक आदान-प्रदान, विभिन्न शैलियों का अध्ययन करने के अलावा साहित्य जगत के समसामयिक मुद्दों और विकास का अवलोकन करने हेतु विशेषज्ञों और विचारकों को मंच उपलब्ध कराता है। समेल्लन में विभिन्न कला प्रतियोगिताओं के साथ-साथ क्षेत्र की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। रायसोनी समूह द्वारा आयोजित इस 5वें आरेंज सिटी लिट्रेचर फेस्टिवल में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए कला प्रतियोगिता आयोजित की गई है।

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