गोलीकांड: गोलीकांड में आरटीओ निरीक्षक गीता शेजवाल को अदालत से झटका, जमानत याचिका खारिज

  • कोर्ट ने कहा- पुलिस संकेत गायकवाड़ को बुलाकर करे पूछताछ
  • दोनों आरोपियों की मुश्किलें बढ़ी
  • घटना गैरकानूनी लेन-देन के चलते होने का अंदेशा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-24 07:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गोलीकांड में आरोपी आरटीओ निरीक्षक गीता शेजवाल को अदालत से झटका लगा है। जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एस.आर. पडवाल ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। साथ ही इस प्रकरण में लिप्त दूसरे आरोपी संकेत गायकवाड़ को नोटिस देकर 48 घंटे के भीतर बुलाकर उससे पूछताछ करने का आदेश पुलिस को दिया है।

आरोपियों की मुश्किलें बढ़ीं : गीता ने गिरफ्तारी से बचने के लिए गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका दायर की थी। मंगलवार को हुई सुनवाई में बचाव पक्ष के वकील अनिल मार्डिकर और समीर सोनवणे ने अदालत को बताया कि, प्रकरण की जांच पूरी हो गई है। पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है। यह घटना गैरकानूनी लेन-देन के चलते होने का पुलिस ने अनुमान व्यक्त किया था। इसकी जांच होना अभी बाकी है। जबकि, सरकारी वकील बोंद्रे ने पक्ष रखा कि, आरोपी को जमानत मिली, तो वह प्रकरण से जुड़े तथ्यों से छेड़छाड़ कर सकती है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने गीता शेजवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी। साथ ही पुलिस को आदेश दिया है कि, वह संकेत गायकवाड़ को 48 घंटे के भीतर नाेटिस भेजकर बुलाए और उससे पूछताछ करे। इससे दोनों आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

यह है मामला : गोलीकांड की घटना 5 मई 2022 को हुई थी। आरटीओ निरीक्षक संकेत गायकवाड़ गोली लगने से जख्मी हुआ था। उसका कहना था कि, घटना के दिन सुबह वह ड्यूटी पर जाने की तैयारी कर रहा था। पैर पर चूहा कूदने से वह चौंक गया और उसकी सर्विस रिवाल्वर नीचे गिर गई, जिससे गोली चल गई और गोली एक पैर को चीरते हुए दूसरे पैर में जा फंसी थी। बजाज नगर थाने में यह मामला दर्ज किया गया था। 

जांच में फर्जी पाए गए बयान : आरोप है कि, प्रकरण गंभीर होने के बाद भी बजाज नगर पुलिस ने इसे हल्के में लिया। पुलिस आयुक्त ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी। जांच में गवाह के तौर गीता, संकेत की पत्नी कोमल, वीरसेन और डॉ. सुधीर के बयान फर्जी पाए गए। इसमें यह भी खुलासा हुआ कि, खुद जख्मी संकेत ने आरोपी गीता का साथ देकर सबूत नष्ट किए, इसलिए गीता के खिलाफ संकेत की हत्या का प्रयास करने की धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है, जबकि सबूत नष्ट करने के लिए संकेत को धारा 201 के तहत सह आरोपी बनाया गया है। संकेत अस्पताल में भर्ती है।

डिप्टी आरटीओ चव्हाण और उसकी पत्नी से भी पूछताछ : गड़चिरोली के डिप्टी आरटीओ विजय चव्हाण और उनकी पत्नी ज्योति से भी गोलीकांड को लेकर पुलिस ने पूछताछ की है। पुलिस को शक है कि, इन्होंने भी सबूत नष्ट कराने में महत्वूपर्ण भूमिका निभाई है। पूछताछ में विजय ने पुलिस के कई सवालों पर अपनी सफाई दी। ज्योति ने बताया कि, घटना के बाद गीता का उन्हें फोन आया था, इसलिए संकेत को अस्पताल में भर्ती कराने में सहायता की थी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि, चव्हाण दंपति पुलिस के लपेटे में आने की संभावना है।

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