हाईकोर्ट: राज्य सरकार को आदेश - स्कूलों को बकाया आरटीई अनुदान दें

  • निजी स्कूलों ने बकाए अनुदान की मांग की
  • अदालत का राज्य सरकार को आदेश
  • स्कूलों को बकाया आरटीई अनुदान दें

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-19 10:28 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. निजी स्कूलों ने बकाए अनुदान की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ याचिका दायर की थी। यह अनुदान स्कूली शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दिया जाता है। सुनवाई में कोर्ट ने याचिका में उठाए गए मुद्दों की चार सप्ताह के भीतर जांच करके स्कूलों को बकाया आरटीई अनुदान भुगतान करने के आदेश सरकार को दिए हैं। साथ ही अदालत ने कहा कि जो स्कूल बकाया अनुदान के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें कारण सहित सूचित किया जाए।

यह है पूरा मामला

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को अच्छे स्कूलों में शिक्षा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया है। इसमें स्कूलों को अनुदान देने का भी निर्णय लिया गया है, लेकिन आज करोड़ों का अनुदान बकाया है। इस बकाया अनुदान राशि को लेकर अमरावती के लक्ष्मी नारायण विद्या मंदिर और महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टीज एसोसिएशन (मेस्टा) की ओर से याचिका दायर की गई थी। लक्ष्मी नारायण विद्या मंदिर की याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्या. अतुल चांदूरकर के समक्ष बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्कूलों का बकाया आरटीई अनुदान भुगतान करने के आदेश दिए। इसके बाद मेस्टा की याचिका पर भी यही आदेश लागू करते हुए कोर्ट ने दोनों याचिकाओं का निपटारा कर दिया। लक्ष्मी नारायण विद्या मंदिर की ओर से एड. भानुदास कुलकर्णी, मेस्टा की ओर से एड. एस. एस. शिंगणे ने पैरवी की।

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