माइक्रो प्लानिंग पर काम: अब अलग-अलग समाज और संगठनाें पर है भाजपा की नजर, संवाद बैठकों में दिखेंगे प्रतिनिधि

  • विधायकों को विशेष जिम्मा, अन्य विधानसभा क्षेत्र में देना होगा संगठन कार्य में योगदान
  • बूथ स्तर पर भी संगठन कार्य में सोशल इंजीनियरिंग का प्रयास
  • सोशल मीडिया पर पलटवार के लिए नियुक्त रहेगी कार्यकर्ताओं की टीम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-07 14:33 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव में राज्य में पिछड़ने के बाद भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए माइक्रो प्लानिंग पर काम कर रही है। इस बार समाज के अलग अलग वर्गों तक सीधे पहुंच बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए कई समाज संगठनाें के प्रतिनिधियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में भाजपा की विशेष संवाद बैठकें होगी। विधायकों को भी संगठन कार्य में योगदान देना होगा। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो दिन तक देवगिरी में भाजपा पदाधिकारियों से इन विषयों पर चर्चा की है। विदर्भ के भाजप विधायक व पूर्व विधायक को दायित्व दिया गया है कि वे अन्य विधानसभा क्षेत्र में जाकर नागरिकों से संवाद करें। इसके लिए एक टीम भी तैयार की जाएगी। टीम में विधायक के साथ विधानसभा विस्तार व जिला अध्यक्ष भी रहेंगे। चुनाव तैयारी के तहत बूथ स्तर पर संगठन का पुनर्गठन किया जा रहा है। इसमें भी सोशल इंजीनियरिंग का प्रयास रहेगा। प्रत्येक बूथ पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, महिला व संबंधित क्षेत्र में जिस समाज की संख्या अधिक होगी उनके प्रतिनिधि बूथ समिति में रहेंगे। विरोधियों के आरोपों या प्रचार का जवाब देने के लिए विधानसभा क्षेत्र स्तर पर सोशल मीडिया संचालकों की टीम रहेगी। इसमें 100 ऐसे कार्यकर्ता रहेंगे जो भले ही भाजपा से नहीं जुड़े हो लेकिन भाजपा की विचारधारा के अनुरुप कार्य करते हुए विरोधियों को त्वरित जवाब दें। सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के तौर पर इन कार्यकर्ताओं की नियुक्ति आरंभ कर दी गई है।

संविधान के साथ आरक्षण का विषय

उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने विधायकों से कहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव से भी अधिक सचेत रहना होगा। लोकसभा चुनाव में संविधान का मुद्दा चर्चा में रहा। विरोधियों व विशेषकर कांग्रेस ने प्रचार किया कि भाजपा फिर से बहुमत के साथ सत्ता में आएगी, तो संविधान बदल देगी। हालांकि संविधान को कोई नहीं बदल सकता है। संविधान को लेकर निराधार प्रचार का भाजपा जवाब नहीं दे पायी। विधानसभा चुनाव में संविधान के साथ ही आरक्षण को लेकर निराधार प्रचार किया जा सकता है। एससी, एसटी वर्ग के आरक्षण के मामले में कोटा में कोटा संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर निराधार प्रचार किया जा सकता है। ऐसे में विरोधियों के प्रचार से नागरिकों व मतदाताओं को सचेत रखना होगा। इसके लिए संवाद बैठकों को आयोजन होगा। विदर्भ में एक हजार संवाद बैठक का लक्ष्य रखा गया है। इन बैठकाें में बौद्ध धम्म प्रचारक, बौद्ध भिख्खु, पुजारी, समाजनेता, समाज संगठन प्रतिनिधि, सामाजिक क्षेत्र में काम करनेवाले डॉक्टर शामिल रहेंगे। सामाजिक, धार्मिक, बौद्धिक क्षेत्र के लोगों का भरोसा जीता जाएगा।

Tags:    

Similar News