उपचुनाव को चुनौती: निर्वाचन आयोग, जिलाधिकारी को नोटिस, हाईकोर्ट ने दो दिन में मांगा जवाब
- रश्मि बर्वे, सलिल देशमुख ने दी चुनौती
- उपचुनाव नहीं कराया जा सकता
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिले में एक जिला परिषद सर्कल और दो पंचायत समिति सदस्यों के उपचुनाव को बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ में अलग-अलग याचिकाओं में चुनौती दी गई है। इस मामले में बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग और नागपुर जिलाधिकारी को नोटिस जारी करते हुए दो दिन में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए है। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि, यह चुनाव और इसके परिणाम उक्त याचिका के नतीजे पर निर्भर करेंगे। इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई शुक्रवार 26 जुलाई को रखी है।
रश्मि बर्वे, सलिल देशमुख ने दी चुनौती
राज्य चुनाव आयोग ने जिला परिषद निर्वाचन टेकाड़ी क्षेत्र के लिए उपचुनाव की घोषणा की गई है। इस उपचुनाव को जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष रश्मि बर्वे ने चुनौती दी है। लोकसभा चुनाव के दौरान जाति वैधता प्रमाणपत्र रद्द होने के कारण जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष रश्मी बर्वे की जिला परिषद सदस्यता रद्द कर दी गयी थी। इस कारण उनके जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव की घोषणा की गई है। हालाँकि, बर्वे ने जिलाधिकारी को एक निवेदन देकर मांग की है कि यह मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण इस क्षेत्र में मतदान नहीं लिया जा सकता। साथ ही बर्वे इस उपचुनाव को कोर्ट में चुनौती दी है। साथ ही पारडसिंगा में पंचायत समिति सदस्य पद के लिए भी उपचुनाव हो रहा है। इस चुनाव को एनसीपी (शरद पवार गुट) के सलिल देशमुख और शेकाप ने चुनौती दी है।
इस कारण उपचुनाव नहीं कराया जा सकता
रश्मि बर्वे के वकिल समीर सोनावणे ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि, बर्वे का मामला कोर्ट में विचाराधीन है और इसमें अंतरिम स्थगन होने के कारण जिला परिषद निर्वाचन टेकाड़ी क्षेत्र का पद रिक्त नहीं कहा जा सकता। साथ ही जिला परिषद कानून के धारा 41 के अनुसार राज्य चुनाव आयोग वहां उपचुनाव नहीं करा सकते जहां अगले चुनाव के लिए सिर्फ छह महीने बचे हों। वहीं सलिल देशमुख के वकील रितेश डावडा ने पक्ष रखते हुए कहा कि, उपचुनाव में चुनकर आने वाले सदस्यों को सिर्फ तीन महीने का कार्यकाल मिलेगा। इसलिए यह उपचुनाव मतलब जनता के पैसे की बर्बादी होगी।