विधानसभा: नवाब मलिक ने दी विपक्ष को ऊर्जा, चर्चा या मोर्चा- दुविधा में विपक्ष

  • कल कांग्रेस का हल्लाबोल मोर्चा
  • दुविधा में विपक्ष

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-10 11:45 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर, योगेश चिवंडे/रघुनाथसिंह लोधी | विधानपरिषद में विपक्ष जितना कमजोर इस बार है, उतना इससे पहले कभी नहीं रहा। इससे पहले विपक्ष विधानपरिषद में मजबूत ही दिखा। अभ्यासु सहित वक्तृत्व कला में माहिर नेताओं की फौज रही। जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब कांग्रेस-राकांपा विपक्ष में थे। मजबूत होने के साथ वे बहुमत में भी थे। विपक्ष में रहने पर भी राकांपा का सभापति रहा था। सत्तापक्ष को अपने बिल पारित करने वाले के लिए विपक्ष के सामने झुकना पड़ता था। उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री काल में भी भाजपा ने दमदार तरीके से विपक्ष की भूमिका निभाई थी। उसके पास अच्छे वक्ताओं के साथ आक्रामक नेता थे। लेकिन इस बार विपक्ष बिखरा होने के साथ उसके पास नेतृत्व और आक्रामकता की कमी साफ झलक रही है। विपक्ष में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस तीनों एक साथ है। लेकिन दमदार उपस्थित दर्ज नहीं करा पाया है।

विपक्ष के पास मुद्दों का अभाव दिखा :कृषि संकट के मुद्दे को छोड़ दिया जाए तो पिछले दो दिन में विपक्ष के पास मुद्दों का अभाव दिखा। इस बीच नवाब मलिक ने जरूर उसे ऊर्जा देने का काम किया। लेकिन इस मुद्दे को वे विधानसभा से उठाकर लाए। नवाब मलिक विधानसभा के सदस्य है। प्रथा-परंपरा अनुसार किसी सदन के सदस्य की चर्चा दूसरे सदन में नहीं की जाती। किन्तु विधानपरिषद में विधानसभा के सदस्य पर चर्चा हुई। विधानपरिषद के विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे ने यह मुद्दा उठाकर भाजपा और अजित पवार गुट को घेरने की कोशिश की। लेकिन इसपर भी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आक्रामकता दिखाकर उन्हें शांत कर दिया। सत्तापक्ष द्वारा ही विपक्ष पर चुटकी लेने के कुछ मामले सामने आए। एक मामले पर चर्चा हो रही थी। उसपर मंत्री महोदय ने आदेश भी दिया। लेकिन प्रश्न पर ध्यान नहीं होने से जो निर्णय हो चुका था, कांग्रेस सदस्य अभिजीत वंजारी ने फिर वहीं मांग मंत्री महोदय से कर डाली। इसपर उपसभापति नीलम गोर्हे ने चुटकी लेते हुए वंजारी की फिरकी ली। कई ऐसे मुद्दे रहा, जिसे विपक्ष की ओर से कोई बोलने वाला नहीं रहा। विपक्ष का पूरा कोरम भी नहीं दिखा। कुछ जगहों पर विपक्ष की यह कमी सत्तापक्ष के सदस्य पूरी करते नजर आए। तारांकित प्रश्नों के लिखित उत्तर पर आपत्ति जताते हुए सत्तापक्ष सदस्यों ने मंत्री ने भूमिका स्पष्ट करने की मांग करते दिखे। हालांकि आगामी सप्ताह से यह कमी दूर होने का दावा किया जा रहा है।

दुविधा में विपक्ष

शीतसत्र के पहले दो दिन। विधानसभा में विपक्ष ने हंगामा करने का प्रयास किया। किसान व आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। लेकिन ये दो मुद्दे ही विपक्ष के लिए दुविधा के विषय बन सकते हैं। सत्र के दूसरे सप्ताह के आरंभ में सोमवार को किसान के मुद्दे पर चर्चा होगी। आरक्षण के मुद्दे के लिए मंगलवार का समय तय किया गया है। सोमवार को कांग्रेस ने विधानभवन पर मोर्चा का आह्वान किया है। मंगलवार को राकांपा शरद पवार गुट का मोर्चा है। ऐसे में विपक्ष के समक्ष प्रश्न खड़ा कर दिया गया है कि वह सभागृह में किसान व आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा में सहभागी हो या फिर मोर्चा को सफल बनाने के लिए ताकत लगाए। किसानों को राहत की घोषणा की मांग नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने सभा के आरंभ में ही की। वडेट्टीवार ने स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से पहले ही दिन किसान के मुद्दे पर चर्चा व सरकार की ओर से राहत घोषणा का निवेदन किया। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने स्थगन प्रस्ताव के निवेदन को अस्वीकृत कर दिया। दूसरे दिन नियम 97 के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष किसान का मुद्दा ले आए। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष के निवेदन को पुन: अस्वीकृत कर दिया। तब कांग्रेस व राकांपा शरद गुट के सदस्यों ने सभात्याग कर दिया। 4 दिसंबर से बुलढाणा निकली कांग्रेस की संवाद यात्रा का समापन सोमवार को होगा। उसी दिन कांग्रेस विधानभवन पर मोर्चा ले जाएगी। मंगलवार को राकांपा की संघर्ष यात्रा व सभा में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, दिग्विजयसिंह शामिल होंगे। मोर्चा के कारण विपक्ष विधानसभा में चर्चा के लिए समय का समायोजन कैसे कर पाएगा। 

कल कांग्रेस का हल्लाबोल मोर्चा

किसानों के मुद्दे को लेकर सोमवार को कांग्रेस विधानभवन पर मोर्चा ले जाएगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि मोर्चा के माध्यम से सरकार को जनसमस्याओं से अवगत कराया जाएगा। किसान संकट में हैं। कृषि उपज को भाव नहीं मिल रहा है। सरकार केवल घोषणाएं कर रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। आरक्षण के विषय पर निर्णय नहीं लिया जा रहा है। ड्रग्स माफिया खुले तौर पर घूम रहे हैं। मोर्चा में विधानमंडल में कांग्रेस के गट नेता बालासाहब थोरात, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, विधानपरिषद में गट नेता सतेज पाटील, कांग्रेस के प्रदेश कार्याध्यक्ष नसीम खान, बसवराज पाटील, प्रणिति शिंदे, कुणाल पाटील सहित अन्य प्रमुख नेता उपस्थित रहेंगे। पटोले ने कहा है कि शीतसत्र में दो दिन तक सरकार ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा तक नहीं की है। केवल भरपूर मदद का खोखला वादा किया जा रहा है। राज्य में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। केंद्रीय अपराध नियंत्रण ब्यूरो की रिपोर्ट में साफ हो गया है कि राज्य में अपराध की क्या स्थिति है। मोर्चा में भीड़ जुटाने के लिए शहर कांग्रेस ने तैयारी की है। प्रत्येक बूथ व प्रभाग से 100-150 कार्यकर्ता मोर्चा में शामिल होंगे। शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे के निर्देश के अनुसार सभी 18 ब्लाक व सेल के अध्यक्षों को सूचना दी गई है। मोर्चा दीक्षाभूमि से मारेश कालेज टी प्वाइंट तक निकलेगा। कांग्रेस की मांग है कि खरीफ फसल को सूखाग्रस्त घोषित कर प्रति एकड़ 50 हजार रुपये की मदद दी जाए। कर्जमाफी के मामले में जिन किसानों ने पहले ही कर्ज भुगतान किए उन्हें 50 हजार रुपये तक की मदद की जाए। बेरोजगारों को प्रति माह 5000 रुपये भत्ता दिया जाये। पुरानी पेंशन, सरकारी विभागों में रिक्त पद अांगनवाड़ी सेविका, आशा वर्कर, ग्राम रोजगार सेवकों के लंबित विषयों को लेकर भी सरकार से मांग की जाएगी।

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