Nagpur News: एसटी ने किराया वृद्धि का निर्णय किया रद्द, यात्रियों के लिए बनेगी सहारा

  • निजी बसों की लूट से होगा बचाव
  • किराया वृद्धि का निर्णय लिया वापिस
  • दिवाली में भी स्थिर रहेगा एसटी का किराया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-14 11:40 GMT

Nagpur News : एसटी से सफर करनेवाले यात्रियों को दिवाली में कुछ दिनों के लिए टिकटें महंगी खरीदनी पड़ती हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। एसटी महामंडल ने किराया वृद्धि का आदेश रद्द करते हुए यात्रियों को राहत दी है। यानी दिवाली में भी एसटी में सफर करनेवाले यात्रियों को सामान्य किराए पर सफर का लाभ मिलने वाला है। महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल के महाप्रबंध (यातायात) की ओर से सोमवार को प्रादेशिक में सभी विभागों में आदेश भेज दिया है। एसटी महामंडल की बसें परिवहन व्यवस्था में यात्रियों का मुख्य साधन है। इसका मुख्य कारण इन बसों का जहां एक ओर किराया कम होता है। वहीं दूसरी ओर कहीं भी जाने के लिए बसें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। केवल नागपुर विभाग की बात करें, तो यहां कुल 436 बसें चलती हैं। इन बसों में प्रति दिन हजारों की संख्या में यात्री आवागमन करते हैं। यात्रियों के आवागमन के लिए शहर में निजी बसें व रेलवे भी उपलब्ध है, लेकिन रेलवे की टिकट प्राप्त करने की झंझट और निजी बसों का मनमाने किराए के कारण यात्री एसटी बसों को ही प्राथमिकता देते हैं।

दिवाली में यात्रियों की संख्या बढ़ से अब तक एसटी महामंडल दिवाली के 15 से 20 दिनों तक एसटी बसों का किराया बढ़ा देते थें, जिसके कारण यात्रियों की जेब ढीली होती थी। इस बार भी दिवाली के एक महीने पहले मुख्यालय से 10 प्रतिशत किराया वृद्धि का आदेश आया था। जिसके बाद से सभी दिशा में लगने वाले किराए में 10 प्रतिशत बढ़नेवाला था। यात्रियों की निश्चित तौर पर जेब ढीली होना तय था। लेकिन यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए 14 अक्टूबर को मुख्यालय से नया आदेश आया है। जिसमें एसटी महामंडल के दिवाली में बढ़ाए जानेवाले किराए को रद्द किया गया है। इसके लिए मुंबई, पालघर, ठाणे, रायगड, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, सातारा, सांगली, कोल्हापुर, सोलापुर, नाशिक, धुले, जलगांव, अहमदनगर, बीड, नांदेड, लातूर, परभणी, जालना, अमरावती कार्यालयों को आदेश भेजा गया है।

निजी बसों को टक्कर देगी एसटी

हर साल दिवाली में यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में ट्रेनों में लंबी प्रतिक्षासूची होती है। यात्रियों के पास निजी और एसटी बसे ही विकल्प रह जाता है। इसी का फायदा उठाकर निजी बसों का मनमाना किराया देना पड़ता है। अब तक एसटी भी इसी तर्ज पर किराया बढ़ाती थी। जिससे यात्रियों को परेशानी होती थी। 

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