Nagpur News: रितु मालू को तीन दिन की सीआईडी हिरासत, 10 अक्टूबर के बाद ही सुनवाई संभव
- जानिए फ्लैशबैक, किस कारण जांच सीआईडी को ट्रांसफर
- 10 अक्टूबर के बाद ही सुनवाई संभव है
Nagpur News : नशे में तेजी से कार चलाकर रामझूले पर दो लोगों को कुचलने में आरोपी रितिका उर्फ रितु मालू की जांच के लिए हिरासत की मांग करते हुए सीआईडी ने रिवीजन याचिका दायर की थी। सोमवार को हुई सुनवाई में सत्र न्यायालय ने सीआईडी की मांग स्वीकार करते हुए मालू को 10 अक्टूबर तक सीआईडी के हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। तहसील पुलिस द्वारा इस मामले की जांच पारदर्शी तरीके से न होने के कारण हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीआईडी को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं। इसलिए एक ओर राज्य सरकार ने तहसील पुलिस द्वारा सत्र न्यायालय में अर्जी दायर करते हुए मालू की जमानत रद्द करने की मांग की, वहीं दूसरी ओर मालू ने अर्जी दायर करते हुए पुलिस की अर्जी रद्द करने का कोर्ट से अनुरोध किया था। 25 सितंबर को सत्र न्यायालय ने सीआईडी की अर्जी मंजूर करते हुए रितु मालू की जमानत रद्द कर दी थी। इसके बाद मालू के रात में ही फरार होने की आशंका जताते हुए सीआईडी ने उसे रात में गिरफ्तार करने की अनुमति देने की मांग की थी। प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी ने मालू की गिरफ्तारी की सीआईडी को अनुमति दी थी। इसके बाद सीआईडी ने मालू को देर रात हिरासत में लिया था। 26 सितंबर को सीआईडी ने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी कोर्ट से रितु मालू की 10 दिन की हिरासत मांगी, हालांकि कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया और रितु को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसलिए अब सीआईडी ने सत्र न्यायालय में रिवीजन याचिका दायर कर मालू के हिरासत की मांग की थी।
तहसील पुलिस द्वारा इस मामले की जांच पारदर्शी तरीके से न होने के कारण हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीआईडी को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं। इसलिए एक ओर राज्य सरकार ने तहसील पुलिस द्वारा सत्र न्यायालय में अर्जी दायर करते हुए मालू की जमानत रद्द करने की मांग की, वहीं दूसरी ओर मालू ने अर्जी दायर करते हुए पुलिस की अर्जी रद्द करने का कोर्ट से अनुरोध किया था। 25 सितंबर को सत्र न्यायालय ने सीआईडी की अर्जी मंजूर करते हुए रितु मालू की जमानत रद्द कर दी थी। इसके बाद मालू के रात में ही फरार होने की आशंका जताते हुए सीआईडी ने उसे रात में गिरफ्तार करने की अनुमति देने की मांग की थी। प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी ने मालू की गिरफ्तारी की सीआईडी को अनुमति दी थी। इसके बाद सीआईडी ने मालू को देर रात हिरासत में लिया था। 26 सितंबर को सीआईडी ने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी कोर्ट से रितु मालू की 10 दिन की हिरासत मांगी, हालांकि कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया और रितु को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसलिए अब सीआईडी ने सत्र न्यायालय में रिवीजन याचिका दायर कर मालू के हिरासत की मांग की थी।
जेल में रितु मालू की पहचान परेड, सात महिलाओं के बीच खड़ा किया गया था
नशे में तेजी से कार चलाकर रामझूले पर दो लोगों को कुचलने में सोमवार को पहचान परेड हो गई है। न्याय दंडाधिकारी और सीआईडी की मौजूदगी में दो प्रत्यक्षदर्शियों ने जेल में आरोपी कार चालक की पहचान कराई। आरोपी रितिका उर्फ रितु दिनेश मालू है। सोमवार की सुबह करीब 11 बजे के दौरान हादसे के दो प्रत्यक्षदर्शियों को स्थानीय जेल में बुलाया गया था। पहचान परेड कराते वक्त आरोपी रितिका को सात महिलाओं के बीच खड़ा किया गया था। हादसे के करीब सात महीने बाद भी प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोपी रितिका को पहचान लिया। इस कार्रवाई के दौरान न्याय दंडाधिकारी दीपा अंबादे और सीआईडी के जांच अधिकारी थे। पहचान परेड सफल होने से रितिका को सजा होना तय माना जा रहा है, हालांकि इससे बचने के लिए वह कई महीने तक कानून के साथ आंख-मिचौली खेलती रही है।